नई दिल्ली कर्मचारियों को नवंबर से बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी। इसमें जुलाई और अक्टूबर के बीच की अवधि का एरियर भी शामिल होगा। इस फैसले से सरकार पर हर साल 12,857 करोड़ रुपए का भार आएगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रेलवे विभाग के 11 लाख 07 हजार 340 नॉन गजेटेड कर्मचारियों के लिए 78 दिन की सैलरी के बराबर बोनस देने का फैसला भी लिया गया है। इस पर 1,969 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यह प्रोडक्टिविटी लिंक्ड बोनस साल 2010-2011 से दिया जा रहा है। बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमें महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है। जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानी डिअरनेस अलाउंस कहा जाता है। यानी, (बेसिक पे + ग्रेड पे) अमाउंट इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए बेसिक सैलरी 10 हजार रुपए और ग्रेड पे 1000 रुपए है। दोनों को जोड़ने पर टोटल 11 हजार रुपए हुआ। 11 हजार रुपए का 46% निकालने पर 5,060 रुपए हुआ। सबको जोड़कर 16,060 रुपए हुए। अब 42% के हिसाब से इसका कैलकुलेशन देखते हैं। 11 हजार रुपए का 42% होता है 4620 रुपए। 11000 + 4620 = 15,620 रुपए होता है। यानी 4% ऊअ बढ़ने के बाद हर महीने कर्मचारियों को 420 रुपए का फायदा होगा। महंगाई भत्ता ऐसा पैसा है जो महंगाई बढ़ने के बावजूद सरकारी कर्मचारियों के जीवन स्तर को बनाए रखने के लिए दिया जाता है। यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। महंगाई भत्ता साल में दो बार बढ़ाया जाता है।