नोएडा। हिंडन में लगातार पानी आने से डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ रही है। छिजारसी से लेकर मोमनाथल गांव तक डूब एरिया जलमग्न हो गया है। सुथ्याना गांव के डूब क्षेत्र के घरों में भी पानी घुस गया है। कुलेसरा, सुथ्याना में सैकड़ों मकानों में पानी भर गया है। हिंडन नदी में बाढ़ का प्रकोप जारी है। जल स्तर कम नहीं हो रहा है। पानी लगातार मकानों में घुस रहा है। अब तक 10 हजार से अधिक मकानों को खाली कराया जा चुका है। हजारों लोग प्रशासन के आश्रय स्थलों में है। जबकि कई लोग अपने रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। वहीं, सेक्टर-143 के पास पुराना सुथ्याना के डूब क्षेत्र में बने एक अवैध पार्किंग स्थल में खड़ी गाड़ियां भी डूब गई है। उधर, बारिश ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। मंगलवार को गाजियाबाद बैराज पर हिंडन नदी का जल स्तर डाउनस्ट्रीम 201.10 मीटर रहा। जबकि सोमवार को जल स्तर 201.15 मीटर था। ऐसे में जल स्तर स्थिर है। हालांकि बहाव में कमी आई है। मंगलवार को बहाव 27191 क्यूसेक रहा। हिंडन में लगातार पानी आने से डूब क्षेत्र में रहने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ रही है। छिजारसी से लेकर मोमनाथल गांव तक डूब एरिया जलमग्न हो गया है। सुथ्याना गांव के डूब क्षेत्र के घरों में भी पानी घुस गया है। कुलेसरा, सुथ्याना में सैकड़ों मकानों में पानी भर गया है। सबसे अधिक चोटपुर गांव का डूब क्षेत्र प्रभावित है। वहां पर पांच आश्रय स्थल बनाए गए है। बाढ़ प्रभावित गांवों के 3420 लोगों प्रशासन के आश्रय स्थलों पर रह रहे हैं। प्रशासन आश्रय स्थलों पर खाना और पानी उपलब्ध करा रहा है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार लोगों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है। प्रशासन ने बाढ़ के पानी में नहाने पर रोक लगा दी है। लेकिन लोग बाज नहीं आ रहे हैं। कुलेसरा गांव के पास हिंडन की बाढ़ में बड़ी संख्या में लोग नहाने पहुंचे। नहाने के साथ लोगों ने पानी में हिंडन पुल को पहले छूने की शर्त भी रखी। लोग अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
प्रशासन ने मंगलवार को एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया है। टीम को छिजारसी, चोटपुर के पास तैनात किया गया है। अफसरों ने बताया कि टीम बाढ़ क्षेत्र का सर्वे करेगी। नाव से हालातों को परखेगी और पता लगाएगी कि कहां-कहां पर मदद और बचाव के उपाय करने की जरूरत है। इसकी रिपोर्ट तैयार कर प्रशासन को सौंपेगी। जिस पर प्रशासन बाढ़ से बचाव के उपाय कराएगा।
सेक्टर-142 के पास एक कैब कंपनी ने पार्किंग बनाई है। जहां पर पुरानी गाड़ियों को खड़ा किया जाता है। कुछ गाड़ियों की बीमा खत्म होने के बाद यहां खड़ा किया गया था। हिंडन का जल स्तर बढ़ने के बाद पार्किंग स्थल में पानी घुस गया। इससे तकरीबन 400 गाड़ियां डूब गई हैं। प्रशासन के अफसरों का कहना है कि यह एक निजी कंपनी का पार्किंग स्थल है। जो अवैध रूप से बनाया हुआ है। बाढ़ को लेकर चेतावनी जारी की गई थी। इस जगह पर भी प्रशासन ने टीम ने अनाउंटमेंट किया था। साथ ही पुलिस ने भी नोटिस जारी किया था, लेकिन फिर भी गाड़ियों को बाहर नहीं निकाला गया। उधर गाड़ियों का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल रहा।
कोट्सयमुना का जल स्तर कम हो रहा है। जबकि हिंडन का बहाव कम हुआ है। वहीं अवैध पार्किंग स्थल एक निजी कंपनी का है। उसको चेतावनी भी जारी की थी, लेकिन गाड़ियों को हटाया नहीं गया। अगर कंपनी संपर्क करती है तो गाड़ियों को बाहर निकालने में मदद की जाएगी।