नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए लोकसभा की बैठक निर्धारित अवधि से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र की शुरूआत गत चार दिसंबर को हुई थी और तय कार्यक्रम के अनुसार 22 दिसंबर तक इसका संचालन होना था। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए लोकसभा की बैठक निर्धारित अवधि से एक दिन पहले बृहस्पतिवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र की शुरूआत गत चार दिसंबर को हुई थी और तय कार्यक्रम के अनुसार 22 दिसंबर तक इसका संचालन होना था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को बताया कि इस सत्र में कार्य उत्पादकता करीब 74 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा, ह्यह्यइस सत्र में 14 बैठकें हुईं, जो 61 घंटे 50 मिनट तक चलीं। इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए। कुल 18 सरकारी विधेयक चर्चा के बाद पारित किए गए। बिरला ने बताया कि सत्र के दौरान विभिन्न विभागों से संबंधित लोकसभा की स्थायी समितियों ने 35 प्रतिवेदन पेश किए। देश में 138 साल पुराने टेलीग्राफ अधिनियम को निरस्त कर नया कानून बनाने के लिए लाए गए दूरसंचार विधेयक, 2023 को संसद ने बृहस्पतिवार को मंजूरी प्रदान कर दी। राज्यसभा ने बृहस्पतिवार को इस विधेयक को चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे एक दिन पहले ही पारित कर चुकी है। विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत का दूरसंचार क्षेत्र बहुत कठिनाई वाले दौर में था लेकिन पिछले साढ़े नौ वर्षों में इसे वहां से बाहर लाया गया है। उन्होंने कहा कि पहले इस क्षेत्र पर घोटालों की कालिख लगती थी लेकिन आज यह उदीयमान क्षेत्र बना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों के कारण दुनिया में सबसे तेज गति से 5जी यहां लागू किया गया और इसके लिए जिन उपकरणों का इस्तेमाल किया गया वह भारत में बने हैं। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में कई सुधारों को जारी रखा गया है और इसके द्वारा इस क्षेत्र में एक व्यापक परिवर्तन लाने का प्रयास किया गया है। संसद ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों एवं उनकी सेवा शर्तों को विनियमित करने से संबधित एक विधेयक को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी। लोकसभा ने ह्यमुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) विधेयक, 2023ह्ण को आज ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। राज्य सभा इसे 12 दिसम्बर को पारित कर चुकी है। निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब दते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष के इन आरोपों का खंडन किया कि यह विधेयक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों से संबंधित उच्चतम न्यायालय के एक फैसले को दरकिनार करने के लिए लाया गया है। उन्होंने कहा, ह्यह्ययह विधेयक जो हम लाए हैं वह उच्चतम न्यायालय के खिलाफ नहीं है। इसे उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए निदेर्शों के अनुसार लाया गया है। यह अनुच्छेद 324(2) के तहत सूचीबद्ध प्रावधानों के अनुसार है। यह संविधान के अनुच्छेद 50 के तहत सूचीबद्ध शक्तियों के पृथक्करण का भी अनुसरण करता है।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार प्रेस की आजादी और मीडिया के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पत्रकारों को भयमुक्त माहौल मुहैया कराया जाना चाहिए ताकि वे स्वतंत्र रूप से अपना काम कर सकें। ठाकुर उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़े प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था राज्य का विषय है और केंद्र सरकार पत्रकारों सहित देश के सभी नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च महत्व देती है। उन्होंने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए मौजूदा कानून पत्रकारों को भी कवर करते हैं। पत्रकारों पर हमले की घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार की तीखी आलोचना की और कहा कि वहां से लगातार ऐसी खबरें आती रहती हैं।