लखनऊ बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। उन्होंने लोकसभा चुनाव के बहुकोणीय होने के आसार जताए और कहा कि किसी भी पार्टी का वर्चस्व नहीं रहेगा। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि लोकसभा आमचुनाव अकेले अपने बलबूते पर लड़ने का उनका फैसला अटल है। चुनाव में किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं रहेगा और मुकाबला बहुकोणीय होगा। जनता भी इसके लिए अपना मन बना चुकी है। बसपा सुप्रीमो बृहस्पतिवार को यूपी और उत्तराखंड के पार्टी पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ चुनाव की तैयारियों की समीक्षा कर रही थीं। पार्टी प्रदेश मुख्यालय में आयोजित विशेष बैठक में पार्टी के कार्यक्रमों, उसकी तैयारियों, कैडर बैठकों तथा उम्मीदवारों के चयन आदि की समीक्षा भी हुई। उन्होंने कहा कि केन्द्र व यूपी सरकार की जनविरोधी नीतियों एवं कार्यप्रणाली आदि के कारण तेजी से बदल रहे हालात में किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं होकर बहुकोणीय संघर्ष का रास्ता चुनने को लोग आतुर लग रहे हैं। ऐसे में लोकसभा का अगला आमचुनाव दिलचस्प, संघर्षपूर्ण और व्यापक जनहित व देशहित में साबित होने की प्रबल संभावना है जिसमें बसपा की अहम भूमिका रहेगी। थोड़े ‘अच्छे दिन’ को तरसते यूपी के लगभग 25 करोड़ लोगों के जीवन में छाई गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन व पलायन आदि के दु:ख-दर्द भरा जीवन का क्रम भाजपा के शासनकाल में भी लगातार जारी है। बीते वर्षों में यह हालात बेहतर होने के बजाय बिगडे़ हैं। पदाधिकारियों से ली रिपोर्ट: इससे पहले उन्होंने पिछली बैठक में दिये गये दिशा-निदेर्शों पर जमीनी स्तर पर होने वाले अमल की जिला व मण्डलवार समीक्षा रिपोर्ट ली। साथ ही कमियों को दूर करके आगे बढ़ने के लिये नये दिशा-निर्देश दिये। पार्टी संगठन तथा सदस्यता आदि की जिम्मेदारी की सख्त हिदायत देते आगामी संसदीय चुनाव के लिए बेहतर कैडर व्यवस्था के आधार पर युवा मिशनरी लोग भी तैयार करने का अपना निर्देश दोहराया। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा के लिये फिर से यहां माहौल काफी गरमाने लगा है तथा सरगर्मियां शुरू हो गयी हैं।