लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पहली बार स्वामित्व योजना के अंतर्गत जहां पर किसी गरीब का मकान या झोपड़ी है उस जमीन का मालिकाना अधिकार उसे प्राप्त हो रहा है। प्रदेश में 75 लाख परिवारों को उनके घर के मालिकाना हक की सुविधा दी जा चुकी है। राज्य सरकार ने तय किया है कि आगामी दिसम्बर तक प्रदेश के 1 करोड़ 25 लाख परिवारों को यह अधिकार हर हाल में उपलब्ध होना है। जबकि पहले गरीब गांव में जिस जमीन पर अपना मकान या अपनी झोपड़ी बनाकर रहता था, दबंग वहां से उसे हटा देते थे। किसी आपदा की चपेट में मकान आने पर दोबारा वह मकान बना पायेगा, इसका उसे कोई भरोसा नहीं था।
मुख्यमंत्री की आज जनपद हरदोई में 541 करोड़ रुपए लागत की 217 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने जनपद हरदोई के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क निर्माण, हर घर नल से जुड़ी इन विकास परियोजनाओं को दीपावली पर्व और नारी शक्ति के वंदन का उपहार कहा और हरदोईवासियों को इन विभिन्न विकास परियोजनाओं की बधाई दी। आधी आबादी को सम्मान दिए बिना व उनका सशक्तिकरण किए बिना कोई भी समाज और राष्ट्र समर्थ व सशक्त नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री इस बात को बहुत नजदीक से समझते हैं। आजादी के बाद वर्ष 2014 में पहली बार महिलाएं देश के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बनी थीं। देश की योजनाओं का आधार महिलाओं को केंद्र में रखकर बनाया गया। एक-एक योजना आधी आबादी को केंद्र में रखकर बनाई जा रही है। इन योजनाओं में बहन-बेटियों की सुरक्षा, सम्मान, स्वाभिमान व स्वावलम्बन से जुड़ी अनेक योजनाएं हैं। इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने व उनकी निश्चित कालीन समीक्षा करने के लिए डबल इंजन की सरकार लगातार कार्य कर रही है। डबल इंजन की सरकार केवल बोलती नहीं है, करके भी दिखाती है। जनप्रतिनिधिगण जहां प्रयास करते हैं, वहीं सरकार उसको परिणाम में बदलने का कार्य करती है। आज उसी का परिणाम है कि जनधन अकाउंट से लेकर देश में नारी गरिमा के प्रतीक स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण, प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना, आयुष्मान भारत योजना जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से बेटियों-बहनों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ाने के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। इन योजनाओं के परिणाम हम सबके सामने हैं। आज शिक्षण से लेकर चंद्रयान की उड़ान तक के कार्यक्रमों से आधी आबादी जुड़ी हुई है। पंचायतों से स्थानीय निकायों तक उन्हें 33 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा का लाभ मिला रहा है। प्रधानमंत्री जी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम द्वारा यह व्यवस्था और भी पुख्ता कर दी है। परिसीमन के बाद जब नए परिसीमन के आंकड़े सामने आएंगे, उस समय एक तिहाई सीटों पर महिलाओं को विधायक और सांसद बनने का अवसर प्राप्त होगा। यह सभी कार्यक्रम नारी शक्ति के माध्यम से समाज के सशक्तिकरण और एक समर्थ व स्वावलम्बी भारत के निर्माण के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा उठाए गए कदमों का परिणाम हैं। योजनाएं हमेशा बनती थीं, लेकिन योजनाओं का लाभ गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं को मिलना हमेशा एक चुनौती बनी रहती थी। विगत 9 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत देश में 4 करोड़ गरीबों को आवास मिले हैं। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार बनने के उपरान्त अकेले जनपद हरदोई में ही 1 लाख 12 हजार से अधिक परिवारों को एक-एक आवास उपलब्ध कराने का कार्य किया गया। जरूरतमंद लोग, जिनके पास अपना आवास नहीं है, उन्हें आवास उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने अब तक 1 लाख 12 हजार परिवारों को आवास उपलब्ध कराया है। शेष पात्र लोगों को शीघ्र ही आवास की सुविधा का लाभ प्राप्त होगा। उत्तर प्रदेश देश में पीएम स्वनिधि योजना में सबसे अधिक 14 लाख रेहड़ी-पटरी व्यावसायियों को ब्याज मुक्त ऋण का लाभ प्रदान करने वाला राज्य है। इन लाभार्थियों में अधिकांश महिलाएं हैं। राज्य सरकार ने अपने पहले कार्यकाल से ही प्रदेश में बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनेक कार्य किए हैं और इन्हें प्रभावी ढंग से लागू भी किया है। परिणाम सभी के सामने हैं। वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक 70 वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस बल में केवल 10 हजार महिला कार्मिक थीं। विगत 06 वर्षों में अतिरिक्त भर्ती के कारण आज उत्तर प्रदेश पुलिस बल में महिला कार्मिकों की संख्या वर्तमान में 40 हजार है। राज्य सरकार ने पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत महिलाओं को स्थान दिया है। परिणामस्वरूप 1.5 लाख पुलिस कार्मिकों की भर्ती में 30 हजार महिला पुलिस कार्मिकों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार में इच्छा शक्ति होनी चाहिए और सरकार अगर कार्य करने की इच्छुक है, प्रभावी ढंग से योजनाओं के क्रियान्वयन पर जोर देगी तो कोई कारण नहीं महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ेंगी। इसके सुखद परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गये खेलो इण्डिया कार्यक्रम व फिट इण्डिया अभियान तथा विभिन्न योजनाओं का लाभ किस रूप में प्राप्त हो रहा है, देश ने अभी हाल में ही सम्पन्न हुए एशियन गेम्स में देखा है। एशियन गेम्स में पहली बार भारत के खिलाड़ियों ने 111 मेडल अर्जित किये हैं। उन्होंने महिला खिलाड़ी सुश्री पारुल चौधरी का खेल के प्रति समर्पण का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने तय किया है कि ओलम्पिक, एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, विश्व चैम्पियनशिप की किसी भी प्रतियोगिता में देश के लिए मेडल विजेता को राज्य सरकार मेडल के अनुरूप उन्हें शासन की विभिन्न सेवाओं में समायोजित करने की व्यवस्था करेगी। राज्य सरकार इससे पूर्व ओलम्पिक में मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी ललित उपाध्याय को उत्तर प्रदेश पुलिस में डिप्टी एसपी के पद पर समायोजित कर चुकी है। हमारी बेटियां एशियन गेम्स में मेडल जीत कर आईं हैं, उनके सम्मान समारोह की तैयारियां चल रही हैं। प्रभावी ढंग से इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए आने वाले समय में हर एक क्षेत्र में जहां भी बेटियों को उचित अवसर प्राप्त होगा, उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सरकार अपनी कार्य योजनाओं को आगे बढ़ाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ने वाली बेटियों और छात्रों के बीच भेदभाव को समाप्त करने और उन्हें सम्मानजनक ढंग से आगे बढ़ने के अवसर दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने दो यूनिफॉर्म, बैग, बुक्स, शूज, शॉक्स, स्वेटर की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके अभिभावक के खाते में भेजने का कार्य किया है। राज्य सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के अंतर्गत बेटी के जन्म से लेकर बेटी के स्नातक तक की पढ़ाई के लिए 15 हजार रुपये की धनराशि उपलब्ध करा रही है। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 से यह धनराशि 25 हजार रुपये हो जाएगी। इसके लिए बजट की व्यवस्था कर दी गई है। 17 लाख बेटियां मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से लाभान्वित हो रही हैं। आने वाले समय में और भी बेटियों का रजिस्ट्रेशन करते हुए उन्हें हम इस योजना से लाभान्वित करने का कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बेटी की शादी के लिए अभिभावक को कर्ज लेना होता था आज कर्ज लेने की आवश्यकता नहीं है। अब बेटी की पढ़ाई से लेकर उसकी नौकरी की व्यवस्था और उसकी सुरक्षा का कार्य सरकार कर रही है। बेटी की शादी के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना गरीब माता-पिता की मदद के लिए संचालित है। इस योजना से अब तक 3 लाख से अधिक बेटियों की शादी की जा चुकी है, जिसमें राज्य सरकार 51 हजार रुपये की धनराशि देती है। निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत 29 लाख से अधिक महिलाओं को सालाना 12 हजार रुपये पेंशन की सुविधा का लाभ डबल इंजन की सरकार प्रदान कर रही है। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों को लैपटॉप, टैबलेट, टूलकिट, प्रतीकात्मक चेक, प्रमाण पत्र व चाभी प्रदान कीं। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर आयोजित एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी स्थल पर दिव्यांगजन को ट्राईसाइकिल व अन्य उपकरण तथा एफपीओ से जुड़ी 4 महिला किसानों को ट्रैक्टर की चाभी भी प्रदान की। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयेन्द्र प्रताप सिंह राठौर तथा उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर आबकारी एवं मद्य निषेध राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नितिन अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण व शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।