बस्ती। दस दिवसीय सांसद खेल महाकुंभ के आयोजन को लेकर स्टेडियम परिसर सज-धज कर तैयार हो गया है। परिसर में अतिथियों के लिए भव्य मंच बनाया गया है। भीड़, कार्यकर्ता और खेल प्रेमियों के बैठने के लिए व्यवस्था की गई है। बस्ती जिले में सांसद खेल महाकुंभ के जिला स्तरीय आयोजन का शुभारंभ 20 दिसंबर को शहीद सत्यवान सिंह स्टेडियम परिसर में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा थे। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी थे। कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करीब एक घंटे विलंब से सांसद खेल महाकुंभ कार्यक्रम में पहुंचे। कार्यक्रम में उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश से इंसेफेलाइटिस समाप्त हो रहा है। 40 वर्ष में पूर्वी उत्तर प्रदेश के 50 हजार बच्चों को निगल लिया था। उसे प्रधानमंत्री मोदी के संकल्पों के अनुरूप समाप्त कर दिया गया है। पीएम के साथ खेल कूद महाकुंभ प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में आयोजित हो रहे हैं। पीएम मोदी खिलाड़ियों से मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस आयोजन को प्रोत्साहित किया है। प्रदेश ने संकल्प लिया है कि खेल व खिलाड़ियों को आगे बढ़ाएंगे। हर गांव में होगा स्टेडियम। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले साढ़े नौ वर्षों में हम एक नए भारत का दर्शन कर रहे हैं। जहां चेहरा देखकर नहीं बल्कि सभी वर्ग को शासन की योजनाओं का भागीदार बनाया जा रहा है। देश के अंदर सामर्थ्य प्रदान किया जा रहा है। पांच सौ खिलाड़ियों को डिप्टी एसपी, नायब तहसीलदार जैसे पदों पर नौकरी दी गई है। खेल कोटे से पांच सौ पद के लिए जल्द आवेदन मांगे जाएंगे। जो खिलाड़ी मेडल प्राप्त करेगा उसे सरकारी नौकरी और आजीवन भरण पोषण की व्यवस्था की जाएगी। कहा कि पहले रक्षा उपकरण हमें आयात करना पड़ता था पर अब भारत ये उपकरण खुद बना रहा है। आज बुलेट प्रूफ जैकेट हम एक्पोर्ट कर रहे हैं। पांच लाख बुलेट प्रूफ जैकेट पुलिस बलों को उपलब्ध कराए गए। देश को चलाने के लिए नेतृत्व, नीति, नियति और कार्यक्रम बहुत अहमियत रखते हैं। सवाल किया कि क्या कारण था कि पिछले 70 सालों में इतने मेडल नहीं ला पाया और क्या कारण है कि एशियन गेम्स में अब मेडल्स की झड़ी लग गई है। उन्होंने कहा कि भारत को इंडिया के दायरे से निकालकर भारत के दायरे में लाकर पहुंचा दिया है। जब इंडिया की बात होती थी तो खिलाड़ी मुंबई, दिल्ली जैसे बड़े शहरों से आते थे। अब खिलाड़ी सिर्फ बड़े शहरों से से नहीं आते अब गांव, किसानों के परिवार से निकलकर खिलाड़ी आते हैं। 2014 में 1219 करोड़ था, अब 3397 करोड़ रुपये का बजट है। अब लक्ष्य रखकर गोल्ड, सिल्वर और जीतने का काम किया और इसमें कामयाबी मिली। अब इनकी विदेश में प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। विश्व स्तर के खेलों के उपकरण खिलाडियों को उपलब्ध कराया जा रहा है। ओलंपिक की तैयारी करने वाले प्रत्येक खिलाड़ियों को 50 हजार रुपये महीने सरकार दे रही है। हर पंचायत स्तर पर ओपेन जिम होगा।