लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय राष्ट्रीय सेवा योजना के विशेष सप्त दिवसीय शिविर का समापन समारोह रामलीला मैदान, ऐशबाग में संपन्न हुआ जिसमें पंडित आदित्य द्विवेदी, सचिव, तुलसी शोध संस्थान, उत्तर प्रदेश रामलीला समिति, ऐशबाग लखनऊ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय जी एवं मुख्य अतिथि पंडित आदित्य द्विवेदी जी के द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
समापन समारोह में स्वयं सेविकाओं के द्वारा विशेष शिविर में प्रशिक्षण के माध्यम से बनाई गई विभिन्न प्रकार की वस्तुएं जैसे पूजा का थाल, गमले, विभिन्न प्रकार के क्राफ्ट वर्क, चूड़ियां, कंगन, मेजपोश , सजावटी बोतलें आदि की प्रदर्शनी लगाई गई। समापन दिवस में सभी स्वयंसेविकाओं ने अत्यंत उत्साह के साथ विभिन्न प्रकार की थीमों जैसे कि होली एवं प्रकृति संरक्षण, राष्ट्रीय सेवा योजना गीत आदि पर आधारित मनमोहक प्रस्तुतियां दी। विशेष शिविर के दौरान आयोजित विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पंडित आदित्य द्विवेदी जी ने स्वयं सेविकाओं को अपने आशीर्वचन दिए और अपने काव्य पाठ से सभी को मंत्र मुग्ध किया।
उन्होंने माता-पिता की तपस्या पर आधारित बहुत ही सुंदर स्वरचित काव्य रचना के द्वारा सभी स्वयंसेविकाओं को यह शिक्षा दी कि जिस तरह हमारे माता-पिता हमारे लिए स्वयं सभी कष्टो को उठाते हुए हम पर अपने जीवन की कमाई अर्पित करते हैं तो हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम पूरी ईमानदारी से अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जी जान से मेहनत करें और अपने माता-पिता का नाम रोशन करें। उन्होंने बताया कि सभी बेटियों की हमारे समाज और हमारे देश के प्रति कितनी जिम्मेदारी है क्योंकि जब एक बिटिया को शिक्षित किया जाता है तो पूरा एक समाज शिक्षित होता है। आदित्य जी ने स्वरचित पुस्तक गीता भावामृत महाविद्यालय की प्रवक्ताओं एवं प्राचार्य जी को वितरित की। महाविद्यालय की कल्चरल कमेटी की सभी सदस्य प्रोफेसर सीमा सरकार, डॉ सीमापांडे, डॉ क्षितिज शुक्ला, श्री ऋषभ मिश्रा एवं श्री आकाश कुमार निर्णायक मंडल के रूप में उपस्थित रहे। राष्ट्रीय सेवा योजना की सभी इकाइयों ने एक से एक बढ़कर प्रस्तुतियां दीं जिसमें होली और पर्यावरण पर आधारित सांस्कृतिक नृत्य के लिए इकाई 4 प्रथम विजेता रही एवं होली एवं पर्यावरण संरक्षण पर आधारित एक लघु नाटिका के लिए इकाई एक द्वितीय विजेता रही। महाविद्यालय से अन्य अतिथियों में प्रोफेसर सृष्टि श्रीवास्तव जी एवं डॉ वंदना द्विवेदी उपस्थित रहे। शिविर के समापन में प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय जी ने सभी स्वयंसेविकाओं को सफल समापन की विशेष बधाइयां दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना का मुख्य उद्देश्य हमारी छात्राओं को समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारियो का एहसास कराना है एवं उनको एक अच्छा नागरिक बनने की ओर अग्रसर करना है। उन्होंने कहा की सभी स्वयंसेविकाओं को अवश्य ही विशेष सप्त दिवसीय शिविर से कुछ ना कुछ सीख कर जाना चाहिए और समाज में अपनी सेवाएं देनी चाहिये। सप्तदिवसीय शिविर के अंतिम चरण में कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर प्रतिमा घोष ने रिपोर्ट रीडिंग की। कार्यक्रम का सफल समापन सभी कार्यक्रम अधिकारियों डॉ नेहा अग्रवाल, डॉ प्रतिमा घोष, डॉ श्वेता उपाध्याय धर एवं श्रीमती ऐश्वर्या सिंह द्वारा वंदे मातरम गीत गाकर किया गया।