लखनऊ। चुनावी मौसम में एक बार फिर गन्ने के मूल्य को लेकर हलचल तेज हो गयी है। क्योंकि कल से प्रदेश की 119 चीनी मिलें गन्ने की पेराई आरंभ करने जा रही है। लेकिन सरकार ने अब तक गन्ने का रेट नहीं घोषित किया है। कयास लगाये जा रहे हैं कि दीपावली पर सरकार गन्ने का दाम बढ़ाकर किसानों को तोहफा दे सकती है। इस बार गन्ने का मूल्य 25 से 30 रूपए कुंतल बढ़ने की उम्मीद जतायी जा रही है। जबकि गन्ने के रकबा के साथ ही यूपी चीनी उत्पादन में भी अव्वल है। वहीं निजी चीनी मिले गन्ना किसानों का पुराना भुगतान देने में भी आनाकानी कर रही है। सूबे में योगी सरकार के सत्तारूढ़ होने के बाद गन्ना किसानों की हालत बदलने का भरसक प्रयास किया गया। सरकार ने बीते 6 सालों में बकाया करीब 30 हजार करोड़ का भुगतान गन्ना किसानों को कराने का काम किया। इसमें अधिकांश बकाया सपा एवं बसपा शासन काल का भी था। साथ ही बंद पड़ी चीनी मिलों को पुन: चालू कराने के साथ ही दर्जनो मिलों की पेराई की क्षमता भी बढ़ाने का काम किया गया। इन दिनों मथुरा की छाता सुगर मील को जिर्णोद्धार किया जा रहा है। इस बार कल से गन्ने की पेराई आरंभ हो रही है। प्रदेश की 119 चीनी मिले गन्ने की पेराई के लिए तैयार है। इस बार प्रदेश में गन्ने की फसल का रकबा करीब 30 लाख हेक्टेयर है। साथ ही इस बार करीब 24 सौ लाख टन गन्ने की पेराई होने का अनुमान है। चीनी उत्पादन की बात करे तो यूपी में इस बार 110 लाख टन होने का अनुमान है। जबकि यूपी में चीनी की खपत मुश्किल से एक तिहाई ही होती है। इस तरह यूपी अकेले देश के कुलचीनी उत्पादन में 45 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है। महाराष्टÑ अर्से से चीनी उत्पादन में देश में टाप पर रहता था। इसके बाद कर्नाटक फिर कहीं यूपी का नम्बर आता था। लेकिन प्रदेश सरकार के अथक प्रयास से यूपी चीनी उत्पादन में बीते कई वर्षो से नम्बर एक पर है।
सूत्रों के अनुसान चुनाव मौसम में केन्द्र सरकार हर किसी को खुश करने का प्रयास कर रही है। ऐसे में गन्ना किसानों को भी वह खुश करने का प्रयास करेगी। इस बार दीपावली के पूर्व केन्द्र सरकार गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ा सकती है। चर्चा है कि केन्द्र सरकार 25 से 30 रुपए प्रति कुतंल की दर से गन्ने का मूल्य बढ़ाने पर विचार कर रही है। यदि ऐसा हुए तो प्रदेश सरकार भी इसमें कछ बृद्धि कर गन्ने का मूल्य पौने चार सौ तक पहुंचा सकती है। प्रदेश सरकार ने बीते नौ सालों में मात्र 109 रूपए ही गन्ने का मूल्य बढ़ाने का काम किया। प्रदेश सरकार ने दो वर्ष पूर्व 25 रूपए कुंतल बढ़ाया था। इसके बाद से गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया गया। मौजूद समय गन्ने का रेट 335 से 350 रूपए प्रति कुंतल है। उम्मीद है कि सरकार गन्ने का मूल्य में 25 रूपए प्रति कुंतल की दर से बृद्धि कर सकती है। इसके साथ ही गन्ने का मूल्य पौने चार सौ रूपए कुतल होने का अनुमान है। जबकि पंजाब एवं हरियाणा मे गन्ने का मूल्य यूपी से अधिक है। साथ ही सहकारी चीनी मिलोें के साथ ही करीब 80 प्रतिशत चीनी मिलों ने गन्ने का बकाया भुगतान कर दिया। इसके बावजूद बजाज की सुगर मिलें अभी भी हजारों करोड़ रूपए गन्ना किसानों का दबाए बैठी है। वहीं गन्ना किसान संगठनों की गन्ने का दाम 450 रूपए कुंतल करने की मांग की जा रही है। इसे लेकर कई किसान संगठन आंदोलन भी चला रहे हैं। सियासी दल भी गन्ने को लेकर राजनीति कर रहे है, क्योंकि प्रदेश में करीब पांच करोड लोग गन्ने की खेती से जुड़े हुए है।