लखनऊ। प्रदेश सरकार द्वारा गत 5 फरवरी को पेश किये गए आगामी वित्तीय वर्ष के पेश किये गए 7 लाख 36 हजार करोड़ रूपए से अधिक का बजट आज विधानसभा में पारित हो गया। इसके साथ ही विधानसभा ने आज दलीय नेताओं के साथ नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव एवं नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विचार रखे।
दलीय नेताओं कांग्रेस की नेता आराधना मिश्र मोना ने कहा कि बजट बड़ा होने से कुछ नहीं होता जब सरकार इस धन को खर्च ही नहीं कर पाती। लोक निर्माण जैसा अहम विभाग में भी 40 प्रतिशत बजट खर्च नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि इस बजट को तैयार करते हुए चुनावी वादों का भी ध्यान नहीं रखा गया। जब आप चुनावी प्रदेशों में 500 रू का गैस सिलेण्डर दिया जा रहा है तो यूपी में क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि 2020- 21 में प्रदेश के 2 करोड़ 86 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि दी जा रहीं थी। लेकिन इस वित्तीय वर्ष में एक लाख 86 हजार किसानों को ही यह निधि भेजी गयी। सरकारी विभागों में 5 लाख से अधिक रिक्त पड़े पद कब तक भरे जायेंगे। उन्होनें विधायको के साथ पत्रकारों की सुविधाएं बढ़ाने की मांग करते हुए 24 घंटे पोस्टमार्टम की सुविधा के लिए आदेश जारी करने की मांग किया। रालोद नेता राजपाल बलियान ने कहा इस बजट का समर्थन करते हुए गन्ना किसानों का बकाया भुगतान कराने की मांग किया। साथ ही जल जीवन मिशन में खोदी गयी सड़कों को ठीक कराने के लिए अधिकारी फोन नहीं उठाते। अपना दल के नेता राम निवास वर्मा ने कहा कि यह बजट यूपी में दस खरब डालर अर्थव्यवस्था को पूरा करने वाला है। इसमें नयी योजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर धन आवंटित किया गया है। यूपी के 6 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने के साथ ही बेराजगारी दर भी घटकर ढाई प्रतिशत से भी कम हो गयी है। निषाद पार्टी के नेता एवं प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद ने कहा कि यह बजट त्रेता युग की याद दिला रहा है। मत्सय क्षेत्र में अपार संभावनाएं है, सपा की ओर इसारा करते हुए उन्हांंने कहा कि आप तीन स्थानों पर मस्जिद हटावा लीजिए क्योंकि विवादित स्थल पर इबादत नहीं की जाती।
वहीं भासपा नेता ओम प्रकाश राजभर ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि इन्हें झूठ बोलने का लाइसेंस मिल गया है। इन्हें सिर्फ शपथ ही चिंता है। भाजपा सरकार की सभी योजनाएं सभी के लिए है। आपकी तरह खास लोगों के लिए नहीं। बसपा नेता उमा शंकर सिंह ने कहा कि आंवटित बजट को खर्च न करने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर जबाबदेही तय की जानी चाहिए। पूवार्चंल एवं बुंदेलखण्ड विकास निधि को बढ़ाने और विधायक निधि से जीएसटी समाप्त करने की मांग की गयी। वहीं जनसत्ता दल के रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने कहा कि ऐसा आभास हो रहा है, माहौल खराब करने की कोशिश हो रही है। काशी विश्वनाथ मन्दिर 1993 में स्थानीय प्रशासन ने पूजा पर रोक लगाई थी। हम उस पुजारी को प्रणाम करते हैं, जिन्होंने चाभी संभाल कर रखा, कहते थे कि एक दिन ऐसी सरकार आएगी जब ताला खुलेगा, वह हो गया।