वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट अदालत में दाखिल करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मंगलवार को तीसरी बार अतिरिक्त समय की मांग की है। जिला जज की अदालत में एएसआई के प्रार्थना पत्र पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी। अदालत ने अगली तारीख नियत कर दी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए जिला जज की अदालत से तीन हफ्ते का समय मांगा है। जिस पर जिला अदालत में 29 नवंबर यानी आज सुनवाई टल गई है। साथ ही व्यास जी की गद्दी को डीएम को सुपुर्द किये जाने के मामले में भी सुनवाई नहीं हो सकी। समय की कमी के कारण दोनों मामलों में सुनवाई टल गई है। अदालत ने अगली तारीख 30 नवंबर की दी है। बता दें कि मंगलवार को एक अधिवक्ता के निधन के कारण मंगलवार को सुनवाई नहीं हो पाई थी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत ने सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश 21 जुलाई को दिया था। 24 जुलाई से एएसआई ने सर्वे शुरू किया तो अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे के आदेश पर रोक लगाई और मसाजिद कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और चार अगस्त को जिला जज के आदेश को सही ठहराया। चार अगस्त से एएसआई ने सर्वे शुरू किया, जो अक्तूबर अंत तक चला। दो नवंबर को एएसआई ने जिला जज की अदालत को बताया कि सर्वे पूरा हो गया, लेकिन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है। जीपीआर तकनीक से हुए सर्वे की रिपोर्ट बनाने में समय लग रहा है। अदालत ने दो बार समयसीमा बढ़ाई थी। मंगलवार को समयसीमा पूरी हो जाएगी। उम्मीद की जा रही कि इस बार रिपोर्ट दाखिल हो जाएगी।