लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दुनिया के किसी देश में जाते हैं तो वहां के राष्ट्राध्यक्ष को उत्तर प्रदेश के उद्यमियों द्वारा बनाए गए परंपरगात उत्पाद भेंट करते हैं। इससे हमारे हस्तशिल्पियों का सम्मान को बढ़ता है। उन्होंने कहा कि अब पर्व और त्योहारों में चीन निर्मित प्रोडक्ट नहीं, बल्कि यूपी का ओडीओपी दिया जाता है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के हस्तशिल्पी और कारीगर हमारी सबसे बड़ी ताकत हैं। एक जिला एक उत्पाद और विश्वकर्मा श्रम सम्मान की योजना ने मात्र चार वर्ष में उत्तर प्रदेश के निर्यात को ढाई सौ गुना बढ़ाने में मदद की है। सीएम योगी ने सोमवार को कार्पेट एक्सपो मार्ट में चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला के 45वें संस्करण का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के अंदर कालीन उद्योग का निर्यात लगभग 17 हजार करोड़ का है, इसमें 60 प्रतिशत योगदान उत्तर प्रदेश के तीन जनपद भदोही, मिरजापुर और वाराणसी का है। यही कारण है कि टाउन्स आॅफ एकस्पोर्ट एक्सीलेंस टेक अवार्ड भी भदोही को मिला है। सीएम योगी ने कहा कि नोएडा में आयोजित हुआ इंटरनेशनल ट्रेड शो उत्तर प्रदेश के सामर्थ्य को प्रदर्शित करने का माध्यम बना था। यह अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला भी उत्तर प्रदेश की क्षमता को प्रदर्शित करने का दूसरा अवसर बनकर हमारे सामने आया है। सीएम योगी ने कहा कि यह मेला प्रधानमंत्री मोदी के मेकिंग इंडिया और वोकल फॉर लोकर एवं लोकल फॉर ग्लोबल विजन को एक नई ऊंचाई प्रदान करने का अभियान है। उन्होंने कहा कि हमारे हस्तशिल्पियों में हुनर की कमी नहीं थी, लेकिन उन्हें तकनीकि और प्लेटफॉर्म नहीं मिल पा रहा था। हमारी सरकार ने जैसे ही प्रदेश के हस्तिशिल्पियों को प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया तो हमारे हस्तशिल्पी वैश्विक मंच पर अपनी धाक जमाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस मेले में 68 देशों के 450 से अधिक खरीदार इसका बड़ा उदाहरण है। सीएम योगी ने कहा कि जी-20 के आयोजन के साथ उत्तर प्रदेश को जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ था। उसमें 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए थे। उसमें बिछने वाली कालीन उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित थी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 20 लाख से अधिक बुनकर हैं। डबल इंजन की सरकार प्रदेश के हस्तशिल्पियों को और कारीगरों का पूरा सहयोग करेगी। कार्यक्रम में सीएम योगी ने मेला में लगी कालीनों का अवलोकन किया और बटन दबाकर नए कालीन लेबल को लॉन्च किया। इसके साथ ही उन्होंने दो बुनकर महिलाओं को शाल देकर उनका सम्मान किया। इसमें माधुरी देवी और महाजबीन शामिल थीं। माधुरी देवी नवनिर्मित संसद भवन में बिछाई गई हस्तनिर्मित कालीन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वहीं महाजबीन ने 400 महिलाओं को स्वयं सहायता समूह के द्वारा आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग कर रही हैं।