लखनऊ। न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट शासन के साथ सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्तुत की जाएगी। वहीं बीते छह वर्षों के दौरान हुए एनकाउंटर पर दिए गये जवाब में बताया गया कि किसी भी प्रकरण में पुलिस की कोई गलती सामने नहीं आई है। यूपी सरकार ने शनिवार को अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हुए हत्याकांड में पुलिस की कोई गलती नहीं बताई है। यहां उन्होंने विकास दुबे एनकांउटर का भी जिक्र किया। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस अभिरक्षा में हुई हत्या के मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। सूत्रों की मानें तो शीर्ष अदालत को न्यायिक आयोग की अभी जांच जारी होने की जानकारी दी गयी है। इस मामले में अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज के अस्पताल में अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उनके खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। इस प्रकरण की जांच अभी न्यायिक आयोग और पुलिस द्वारा की जा रही है। न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट शासन के साथ सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्तुत की जाएगी। वहीं बीते छह वर्षों के दौरान हुए एनकाउंटर पर दिए गये जवाब में बताया गया कि किसी भी प्रकरण में पुलिस की कोई गलती सामने नहीं आई है। इसमें कानपुर में बिकरू कांड को अंजाम देने वाले अपराधी विकास दुबे समेत कई मामलों का उदाहरण भी दिया गया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अतीक और अशरफ की हत्या के बाद प्रदेश में छह वर्षों के दौरान हुए 183 एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए याचिका दाखिल की गयी थी।