डॉक्टर कंचन सिंह
वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ समाज सेविकासंसद भवन में सीटों की संख्या तो बढ़ा दी गयी है और वो भी इस लिए की बड़े पैमाने पर नोट बनाया जाये? अगर ऐसा नहीं है तो फिर प्रत्याशियों की संख्या बढाने का राष्ट्रीय पार्टियों ने आखिर पैमाना क्या तय किया है? क्या सिर्फ धन बल वालों को ही पार्टियां टिकट देगीं? या फिर परिवारवाद और दलबदल की राजनीति करने वालों को सिर्फ मौका दिया जायेगा? इसके लिए राष्ट्रीय पार्टियों को अभी तक आखिर संवैधानिक दायरे में क्यों नहीं लाया गया? ताकि किसी को भी धन उगाही कर नेता बनाया जा सकें? इसके लिए मानक तय किये जाने चाहिए ताकि देश प्रदेश समाज का हित संभव हो सके जनता जनार्दन की सेवा हो सके क्योंकि इस समय हमारे देश को सिर्फ और सिर्फ सच्चे समाजसेवकों की आवश्यकता है और इसके हर पार्टियों को अभी से प्रत्याशियों को चिन्हित करने का काम किया जाना चाहिए और सिर्फ ब्यूरोक्रेट्स को ही नहीं बल्कि चौथे स्तम्भ को यानि पत्रकारिता जगत के दिग्गजों को भी मौका़ दिया जाना चाहिए जो कि लंबे अनुभव के साथ ही डिग्री धारक हो और खास तौर पर महिला सशक्तिकरण के तहत विदुषी महिलाओं को पहली वरीयता दी जानी चाहिए इसके लिए पार्टियां चाहे तो चिन्हित प्रत्याशियों की प्रश्न पत्र आदि बना कर परीक्षाएं भी आयोजित करा सकतें हैं लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में जनता जनार्दन यानि लोकतंत्र के साथ ऐरा गैरा नत्थू खै़रा जैसे लोगों को टिकट देकर खिलवाड़ हरगिज नहीं किया जाना चाहिए चौथा स्तम्भ एक सजग प्रहरी है और उसकी अनदेखी ने ही आज देश को इस कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है पहली महिला प्रधानमंत्री जिनको दुर्गा की संज्ञा दी गई पित्र सत्तात्मक समाज के लिए उनसे बडी़ बानगी और भला क्या हो सकती है।
उन्होंने दिग्गजों को पानी ही नहीं पिलाया बल्कि नाको चने चबवा दिये उनके जैसा निर्णायक आज तक नहीं हुआ जो निर्णय ले लिया उस पर अडिग रहीं हार जीत की चिंता नहीं की बात की जाये अटल जी की तो एक पत्रकार ही थे और यही वजह रही कि वो आने वाले भविष्य के गर्भ में क्या छिपा है भाप लेतें थे चौथे स्तंभ की शक्तियों का जितना भी वर्णन किया कम है चूकिं दूरदर्शी इस लिए होता है क्योंकि एक साथ दस डिपार्टमेंट खंगालने का काम करता है और उसे पता होता है कि जनता और देश का विकास कैसे संभव है लेकिन सिर्फ इस लिए उसे पार्टियों द्वारा अनदेखा किया जाता है कि उसके पास टिकट खरीदने के लिए नोट नहीं हैं? ये सरासर देश लोकतंत्र के साथ अन्याय है और इसका खामियाजा आज नहीं तो कल सबको भूगतना होगा जब जागो तभी सवेरा ।