लखनऊ। भाजपा सरकार की नीति और नीयत दोनों किसान विरोधी है। इसी वजह से अभी तक गन्ना मूल्य तय नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि गन्ना का लाभकारी मूल्य किसानों को मिलना चाहिए। भाजपा सरकार गन्ना का लाभकारी मूल्य क्यों नहीं घोषित कर रही है? दो साल हो गए गन्ने की कीमत नहीं बढ़ी। इस वर्ष सरकार ने गन्ने का दाम अभी तक घोषित नहीं किया है। किसान को अपनी फसल पिछली कीमत पर ही चीनी मिलों को देनी पड़ रही है। बहुत से किसान घटतौली के शिकार होने के साथ मिल प्रबंधकों द्वारा परेशान किए जाने पर अपना गन्ना कम कीमत पर बिचौलियों को सौंपना पड़ा है। गन्ना किसान को भाजपा सरकार ने पिछला बकाया भी अदा नहीं किया है। सरकार ने मिल मालिकों को संरक्षण दे रखा है। भाजपा सरकार में किसानों को धान,आलू,गन्ना समेत अन्य किसी भी फसल का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। किसान कर्ज में डूबता जा रहा है। किसानों के धान की खरीद नहीं हुई। किसान अपनी फसल लिए इधर-उधर भटकता रहा। आलू का बाजार भाव गिरने से आलू किसानों को नुकसान हो रहा है। भाजपा सरकार ने किसानों से झूठे वादे किये। किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। भाजपा के धोखे और झूठ से किसान खुद को छला महसूस कर रहा है। एक तरफ प्रदेश का किसान संकट में है,परेशान है। दूसरी तरफ भाजपा सरकार दिखावा कर रही है और जश्न मना रही है। भाजपा सरकार की उपेक्षा और किसान विरोधी नीतियों के कारण किसानों का खेती से मोह भंग हो रहा है। किसान खेती छोड़ने को मजबूर हैं,इसका प्रभाव कृषि उत्पादन पर पड़ेगा। देश में धान,गेहूं और दालों का उत्पादन घटा है, जिसकी जिम्मेदार भाजपा सरकार है।