गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी राष्ट्र को सशक्त बनना है तो उसे समर्थ बनना पड़ेगा। और, समर्थ बनने के लिए वहां की शिक्षा की संस्कारयुक्त बनाना पड़ेगा। शिक्षा ही हर व्यक्ति के भीतर आत्म अनुशासन की भावना पैदा करने, राष्ट्र के मुद्दों से जुड़ाव व समपर्ण का भाव पैदा करने का सशक्त माध्यम है।
सीएम योगी बुधवार को गोरखपुर मंडल (देवरिया, गोरखपुर, कुशीनगर व महराजगंज जनपद) के 1086 परिषदीय विद्यालयों के स्मार्ट क्लास एवं 64ब्लॉक संसाधन केंद्रों में आईसीटी (इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन) लैब्स के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों के 14360 शिक्षकों को टैबलेट, 3780 को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्रों को वंडर बॉक्स तथा 1207 दिव्यांग बच्चों को 1980 सहायक उपकरणों के वितरण का भी शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के अनुरूप ही व्यक्ति, समाज व राष्ट्र का चरित्र होगा। सशक्त राष्ट्र के निर्माण की बुनियाद शिक्षकों के परिश्रम व पुरुषार्थ पर टिकी है। शिक्षक ही तेजी से देश को नई बुलंदियों तक पहुंचा सकते हैं। गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र, संदीपनी, चाणक्य जैसे आदर्श गुरुजनो का उल्लेख करते हुए कहा मुख्यमंत्री ने कहा, श्रीराम, श्रीकृष्ण और चंद्रगुप्त को बनाने में इनका मार्गदर्शन अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। शिक्षकों को इन आदर्श गुरुओं से प्रेरणा लेनी चाहिए। एक शिक्षक की सबसे बड़ी उपलब्धि तब होती है कि जब वह अपने बच्चों को समर्थ और योग्य बनाकर उनमें राष्ट्र के प्रति समर्पण का भाव पैदा करता है। इसके लिए सबको स्वयं मूल्यांकन भी करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अपने कार्यों का मूल्यांकन नहीं करता है तो इसका मतलब वह अपने साथ समाज व राष्ट्र के साथ भी धोखा कर रहा है।
आने वाली पीढ़ी के मार्गदर्शन को तकनीकी रूप से सक्षम होना आवश्यक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षकों को बदलते परिवेश में तकनीकी तकनीक दृष्टि से भी आगे बढ़ते रहना होगा। इसमें दिया जा रहा टैबलेट काफी सहायक हो सकता है। आने वाली पीढ़ी को नया मार्ग दिखाने के लिए भी तकनीकी रूप से सक्षम होना आवश्यक है। स्मार्ट क्लास, आईसीटी लैब की स्थापना और टैबलेट वितरण कर सरकार इसमें अपनी भूमिका का निर्वहन कर रही है। उन्होंने कहा कि आगे रहने के लिए हमेशा दो कदम आगे बढ़कर सोचना और उसके अनुरूप कार्य करना होगा। मुख्यमंत्री ने इंसेफेलाइटिस और उसके नियंत्रण का उल्लेख करने के साथ स्वच्छता को लेकर बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक करने की भी अपील की। सीएम योगी ने कहा कि अच्छी शिक्षा व्यवस्था वही है जिसमें निरंतर शोध हो। इसी को ध्यान में रखकर प्री प्राइमरी के रूप में आंगनबाड़ी केंद्रों को भी जोड़ा जा रहा है। जब तीसरे साल से ही बच्चा इन केंद्रों पर आएगा तो पांचवें साल स्कूल जाने पर उसे दिक्कत नहीं होगी।