लखनऊ। सहकारिता विभाग की विंग बी पैक्स यानी बहु उद्देशीय ग्रामीण सहकारी समित, ग्रामीणों का जीवन आसान कर रही है। अब उन्हें अपने ही गांव में सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने का काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में बी पैक्स ग्रामीण क्षेत्र में 64 पेट्रोल पंप एवं एलपीजी गैस एजेंसी खोलने जा रहा है। साथ ही जन सेवा केन्द्र, जन औषघि केन्द्र के साथ ही डेयरी एवं मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे ग्रामीणों को बड़े पैमाने पर गांव में ही रोजगार मिलने के साथ ही उनकी आय में भी बृद्धि होगी। सहकारिता विभाग की कमान प्रदेश सरकार के मंत्री जेपीएस राठौर के हाथों में आने के बाद बी पैक्स के पंख लग गए है। क्योंकि यह संस्था हर किसान से जुड़कर उनका जीवन स्तर को ऊपर उठाने का काम कर रही है। खाद , बीज वितरण के साथ ही अब बहुत से कार्य बी पैक्स आरंभ करने जा रहा है। मसलन बीज तैयार कर उसकी पैकिंग, डेयरी एवं मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर जन सेवा केन्द्र, जन औषघि केन्द्र भी खोलने का कवायद चल रही है। इसके अलावा बी पैक्स अब बड़े उघोग की ओर भी आगे बढ़ रहा है। वह पीपीपी माडल पर हर जनपद में बड़े गोदाम भी बनाने का कार्य कर रहा है। मिजार्पुर में यह गोदाम लगभग बनकर तैयार होने को है। शेष जनपदों में गोदाम के लिए जमीन तलाशने का कार्य तेजी से चल रहा है। सूत्रोें के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में बी पैक्स की कीमती जमीनें बहुत सी पड़ी हुई है। अब इन जमीनों को पर पेट्रोल पंप खोलने की योजना चल रही है। प्रदेश में 64 पेट्रोल पंप खोलने के लिए आयल कंपनियों से बी पैक्स ने करार कर लिया है। साथ ही कुछ स्थानों पर एलपीजी गैस एजेंंसी भी खोलने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। हालाकि इस योजना पर अभी केंन्द्र सरकार से सहमति मिलने का इंतजार है। खास बात यह है कि यह पेट्रोल पंप एवं गैस एजेंसी आयल कंपनियां खोलेंगी लेकिन उनका संचालन ग्रामीणों द्वारा बी पैक्स करायेगा।
विगत माह सितम्बर में बी पैक्स का महा सदस्यता अभियान चलाया गया, जिसमें 20 लाख नये सदस्य बनाने के सापेक्ष 29 लाख सदस्य बने। इससे संस्था को करीब 70 करोड का अंशदान प्राप्त हुआ। इसके साथ ही सहकारी बैंक की क्रेडिट लिमिट को भी दस लाख रूपए कर दिया गया है। इस तरह सहकारिता विभाग ऊंची ऊड़ान भरने के साथ ही बड़े पैमाने पर ग्रामीणों को रोजगार देकर उनका पलायन रोकने का काम कर रहा है।