लखनऊ। रूपया बनने से पहले ही रेजगारी बिखरने लगी है। ऐसा ही कुछ हाल विपक्षी एकता के इंडिया गटबंधन का है। मध्य प्रदेश के विधान सभा चुनाव में कई सीटों पर सपा एवम कांग्रेस दोनों आमने सामने ताल ठोक रहे है। साथ ही सपा ने लोकसभा चुनाव में यूपी की 50 सीटो पर चुनाव लड़ने की तैयारी तेज कर दी है। इसे लेकर यहां विपक्षी एकता पर उंगली उठने लगी है।
देश के पांच राज्यों में चुनाव हों रहे है। इसमें मध्य प्रदेश की 230 सीटो पर हो रहे चुनाव में सपा एवम कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ने लगी है। क्योंकि यहां पर कांग्रेस अपने दम पर सभी सीटो पर चुनाव लडना चाहती है। वही सपा भी यह ताकत दिखाना चाहती है। कांग्रेस ने यहां की 144 सीटो पर अपने प्रत्याशी उतार दिए है। उसी दिन सपा ने भी यहां पर 9 उम्मीदवार घोषित कर दिए। इसमें 5 सीटे ऐसी है जहां पर कांग्रेस एवम सपा के प्रत्याशी आमने सामने है। कांग्रेस यह पर पिछले चुनाव के साथ ही कई बार सरकार बना चुकी है। इस बार भी वह भाजपा से सीधे दो दो हाथ करना चाह रही है।
वही सपा भी यहां दम दिखाना चाह रही है। पिछले चुनाव में वह एक सीट जीती थी। इस बार वह अपने विधायकों की संख्या बढ़ाना चाह रही है। सूत्रों के अनुसार सपा यहां करीब दो दर्जन सीटों पर मजबूती से चुनाव लडना चाहती है। इसी के सहारे सपा आगामी लोक सभा चुनाव में यूपी की अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लडने का दबाव बना पाएगी। घोसी उपचुनाव जीतने के बाद से सपा का मनोबल बढ़ा हुआ है। इसके अलावा सपा ने हाल में ही तेलंगाना के सीएम के सी राव को प्रचार के लिए पार्टी का रथ भेजा है। जबकि राव की पार्टी बीआरएस इंडिया गठबंधन में शामिल नहीं है। सपा का यह भी सहयोग कांग्रेस को अखर रहा है। साथ ही मध्य प्रदेश में जो स्थित कांग्रेस की है, यूपी में वही स्थित सपा की है। इसीलिए सपा एवम कांग्रेस दोनों ही एक दूसरे पर दबाव बनाकर अधिक से अधिक सीटो पर चुनाव लडना चाह रहे हैं। वहीं इन दोनो दलों के नेता विपक्षी एकता इंडिया के मजबूत होने का दावा कर रहे है।
रविदास का लखनऊ में प्रचार शुरू
सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने लखनऊ में प्रचार शुरू कर दिया है। जबकि आगामी लोकसभा चुनाव में अभी 6 माह का समय है। विपक्षी दलों के गंठबंधन द्वारा यूपी में अभी सीटों को लेकर चर्चा तक नहीं हुई है। यहां अभी यह भी तय नहीं कि कौन किस सीट पर चुनाव लड़ेगा। इसके बावजूद सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा लखनऊ में लोगो को फोन कर वोट मांग रहे है। वह स्वयं को लखनऊ लोकसभा क्षेत्र से सपा का प्रत्याशी बता रहे है। जबकिं सपा यहां से आज तक कभी चुनाव नहीं जीती। पिछले कई चुनाव में सपा से अधिक कांग्रेस प्रत्याशी को वोट मिलते रहे है।