लखनऊ। नवयुग कन्या महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई एक एवं इकाई तीन के संयुक्त तत्वावधान में प्रथम एक दिवसीय शिविर का आयोजन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय के संरक्षण में किया गया। सर्वप्रथम कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती की वंदना एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के लक्ष्य गीत से किया गया। एकदिवसीय शिविर के प्रथम सत्र का उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर मंजुला उपाध्याय के उद्बोधन से हुआ। प्रोफेसर उपाध्याय ने राष्ट्रीय सेवा योजना के विषय में स्वयंसेविकाओं को महत्वपूर्ण जानकारियां दी तथा बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना का प्रमुख उद्देश्य छात्राओं में राष्ट्रीय सेवा की भावना विकसित करना है।
इसी सत्र में राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा परिषद के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सुबोध कुमार गुप्ता जी एवं राष्ट्रीय महासचिव कीर्ति सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे श्री सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने मानवाधिकार से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं की चर्चा की और छात्राओं को मानव होने के नाते जो अधिकार मिलते हैं उससे अवगत कराया। श्री श्रीवास्तव ने पर्यावरण संरक्षण के विषय में भी स्वयं सेविकाओं को महत्वपूर्ण जानकारी दी एवं उन्हें बताया कि किस प्रकार हम प्लास्टिक को हटाकर पर्यावरण को बचा सकते हैं।
इसके पश्चात प्रथम सत्र में ही विशिष्ट वक्ता के रूप में महाविद्यालय के संस्कृत विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर एवं राष्ट्रीय सेवा योजना की पूर्व कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर वंदना द्विवेदी ने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्थापना दिवस के विषय में छात्राओं से चर्चा की एवं छात्राओं को राष्ट्रीय सेवा योजना के एक दिवसीय शिविर और विशेष शिविर के संबंध में जानकारी दी।
डॉक्टर द्विवेदी ने छात्राओं को श्रम का महत्व बताया और कहा कि सभी स्वयंसेविकाओं को प्रतिवर्ष शैक्षणिक सत्र में 120 घंटे श्रम कार्य करना आवश्यक है। भोजन अवकाश के उपरांत द्वितीय सत्र का प्रारंभ हुआ यह सत्र आर्ट एवं क्राफ्ट पर केंद्रित रहा। द्वितीय सत्र की मुख्य अतिथि उषा केडिया जी रही उषा केडिया द्वारा आर्ट एवं क्राफ्ट से संबंधित गतिविधियां आयोजित की गयी जिसमें छात्राओं को टाई एंड डाई ,प्लास्टिक की बोतल पर डिजाइनिंग करना, घर पर पड़े पुराने वस्त्र पर अति सुंदर चित्रकारी करना सिखाया। राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई एक एवं तृतीय की सभी स्वयंसेविकाओं ने इस प्रथम एक दिवसीय शिविर में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग किया।
एवं कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न किया। कार्यक्रम के अंत में सभी छात्राओं में किया गया कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम के गायन से किया गया।