पासपोर्ट वेरिफिकेशन में होगा एआई का प्रयोग, 15 दिन में लोगों तक पहुंच जाएगा
पासपोर्ट के लिए होने वाले पुलिस वेरिफिकेशन के लिए अब थाने के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। पुलिस सत्यापन के लिए दस्तावेजों की स्कैनिंग में अब एआई का इस्तेमाल किया जाएगा। विदेश मंत्रालय एआई तकनीक के इस्तेमाल की योजना बना रहा है। इससे 30 दिनों में जारी होने वाला पासपोर्ट 15 दिन में ही लोगों तक पहुंच जाएगा।
ऑटोमेटिक दस्तावेज सत्यापन के तहत एआई टूल्स के जरिये स्कैनिंग होगी। इससे आवेदन पत्र और जमा किए गए दस्तावेजों (जैसे आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र, पते का प्रमाण) को स्कैन किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के अनुसार एआई के जरिये आवेदकों के पुलिस सत्यापन में तेजी आ जाएगी। पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया सरकार लगातार सरल बना रही है।
अब पासपोर्ट के लिए लोगों को पहले जैसा लंबा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है और वेटिंग टाइम काफी कम हो गया है। इसके साथ ही पासपोर्ट के लिए जरूरी डाक्यूमेंट्स जमा करने की प्रक्रिया को भी बेहद आसान बना दिया गया है। पूर्वांचल के लोगों को जहां पहले पासपोर्ट में पुलिस वेरिफिकेशन के लिए एक महीने का समय लग जाता था। अब वहीं उन्हें जल्द ही 15 दिनों में पासपोर्ट मिल जाएगा।
पासपोर्ट के लिए 22 बाद मिल रहा स्लॉट
महमूरगंज स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में इन दिनों तत्काल पासपोर्ट के लिए वेटिंग कम हो गई है। वर्तमान में आवेदन के चार दिन का समय लग रहा है। जबकि पिछले महीने 7 दिन की वेटिंग चल रही है। वहीं फरवरी के अंतिम और मार्च के शुरूआती माह में एक दिन में ही साक्षात्कार का मौका मिल जाता था। सामान्य पासपोर्ट के लिए वेटिंग पिछले महीने के ही तरह चल रही है। इस महीने भी 22 दिन बाद साक्षात्कार का मौका मिल रहा है। पासपोर्ट कार्यालय पर रोजाना आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, बलिया व जौनपुर आदि जनपदों से 800 से अधिक लोग पासपोर्ट बनवाने आते हैं।
अब चिप लगे नए ई-पासपोर्ट से करें विदेश का सफर, चंद मिनट में ही पूरी होगी इमिग्रेशन प्रक्रिया
करीब तीन वर्ष के परीक्षण से गुजरने के बाद अब उत्तर प्रदेश के विदेश यात्रियों के लिए भी चिप लगे ई-पासपोर्ट उपलब्ध हो गए हैं। इंडियन सिक्योरिटी प्रेस नासिक से ई-पासपोर्ट की खाली बुकलेट उपलब्ध होते ही पासपोर्ट विभाग ने इस नई सुविधा को अभी अनौपचारिक रूप से शुरू किया है।
माना जा रहा है कि अगले माह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश भर में एक साथ ई-पासपोर्ट सुविधा की शुरुआत करेंगे। नए फीचर वाले ई-पासपोर्ट को प्राप्त करने वाले आवेदक अब इससे जुड़ी जानकारी के लिए पासपोर्ट कार्यालय पहुंच रहे हैं। सुरक्षा से जुड़े 41 फीचर वाले ई-पासपोर्ट को जारी करने के लिए पासपोर्ट सर्विस प्रोग्राम (पीएसपी) 2.0 साफ्टवेयर की मदद ली गई है। पासपोर्ट आवेदन के अप्वाइंटमेंट को कम करना पड़ा। इस कारण आवेदकों को कई दिनों बाद के अप्वाइंटमेंट मिल रहे थे।
पासपोर्ट सेवा केंद्र और पीओपीएसके में दस्तावेज की प्रक्रिया पूरी करते समय हुए आवेदक के डिजिटल हस्ताक्षर, चेहरे की फोटो, बायोमीट्रिक को चिप में सुरक्षित कर लिया जाएगा।
ई-पासपोर्ट से इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गनाइजेशन (आइसीएओ) के मानकों वाले 140 देशों के एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन प्रक्रिया चंद मिनट में ही पूरी हो सकेगी।
इमिग्रेशन में पासबुक को खोलने की जरूरत नहीं होगी। ई-पासपोर्ट के मुख्य कवर पेज पर लगी चिप को स्कैन करते ही सारा डाटा सामने आ जाएगा।
ई-पासपोर्ट दिखने में पहले की पासपोर्ट बुकलेट जैसा ही है, जिसमें बुकलेट पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन चिप और अंतिम में छोटा फोल्डेबल एंटीना लगाया गया है। ई-पासपोर्ट के लिए लखनऊ सहित बड़े एयरपोर्ट पर बायोमीट्रिक सिस्टम लगाए जाएंगे। इसकी मदद से ई-पासपोर्ट में सुरक्षित फेशियल इमेज और इमिग्रेशन के दौरान लाइव ईमेज का चंद सेकेंड में मिलान हो जाएगा। यदि ई-पासपोर्ट की जगह कोई दूसरा यात्री एयरपोर्ट पहुंचेगा तो उसे तुरंत पकड़ा सकेगा। चिप में डुप्लीकेट पासपोर्ट नहीं बन सकेंगे। डिजिटल लाक होने के कारण किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकेगा।
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय प्रतिदिन 49 जिलों के लिए पासपोर्ट आवेदन व पीसीसी 5100 अप्वाइंटमेंट जारी करता है। प्रतिदिन सभी औपचारिकता पूरी करने के बाद 3150 पासपोर्ट जारी होते हैं। ई-पासपोर्ट के लिए अप्वाइंटमेंट की संख्या 75 प्रतिशत कम की गई थी। अब प्रतिदिन 1500 ई-पासपोर्ट जारी हो रहे हैं। ई-पासपोर्ट की चिप में 64 केबी का डाटा सुरक्षित रहेगा। आवेदकों को अभी प्रतिदिन 3600 अप्वाइंटमेंट मिल रहे हैं। विभाग 3150 ई-पासपोर्ट जारी करने की क्षमता जल्द प्राप्त करेगा।
ई- पासपोर्ट क्या है?
ई-पासपोर्ट, नॉर्मल फिजिकल पासपोर्ट की तरह ही काम करेगा। इसमें एक छोटी सी इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी। इस चिप में पासपोर्ट होल्डर की जरूरी डिटेल्स जैसे नाम, पता और दूसरी जानकारी स्टोर होगी। ई- पासपोर्ट रेडिया फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप का इस्तेमाल करेगा। इसके बैक कवर पर एंटीना होगा। इससे ऑफिशियल ट्रैवलर की डिटेल्स को तुरंत वेरिफाई कर सकते हैं। इससे फेक पासपोर्ट को कम किया जा सकता है और डेटा टेम्पर करना का चांस भी घट जाएगा।