मुख्यमंत्री सुक्खू ने राज्य के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और राज्य सरकार के प्रमुख निर्णयों और नीतियों के बारे में भी विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि अगले वर्ष के लिए सरकार का मुख्य एजेंडा हिमाचल प्रदेश को भारत की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से हुई तबाही के बाद युद्ध स्तर पर बहाली का काम किया है और हिमाचल प्रदेश सर्दियों के मौसम में पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है। उन्होंने देश-विदेश के पर्यटकों को हिमाचल प्रदेश आने और इसके प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने बुधवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में भाग लिया। सोमवार को मुख्यमंत्री सुक्खू ने राज्य के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और राज्य सरकार के प्रमुख निर्णयों और नीतियों के बारे में भी विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद उनका पहला काम राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारना था। उन्होंने कहा कि उचित वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करने के प्रयास किए गए हैं और राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार करते हुए जल्द ही इसमें सकारात्मक बदलाव देखा जाएगा। सरकार ने अपने पहले साल में तीन गारंटियां पूरी की हैं और बाकी गारंटियां आगामी चार सालों में चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएंगी। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने 4,000 अनाथ बच्चों को ह्यचिल्ड्रन आॅफ द स्टेटह्ण के रूप में अपनाया है और उनके कल्याण के लिए देश में पहली बार कानूनन हक देते हुए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू की है, जिसके तहत राज्य सरकार इन बच्चों की 27 वर्ष की आयु पूरी होने तक उनकी देखभाल और उच्च शिक्षा के लिए उचित सहायता दे रही है। लाहौल स्पीति जिला की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को जनवरी से 1500 रुपये दिए जाएंगे। सभी महिलाओं से किया गया वायदा भी चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती और मुख्यमंत्री के ओएसडी केएस बांशटू भी उपस्थित रहे।