लखनऊ मायावती ने कहा कि देश इस बिल का भरपूर व जोरदार स्वागत करता, अगर उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक यह अविलंब लागू हो जाता। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि महिला आरक्षण बिल में देश की आबादी के बहुसंख्यक ओबीसी समाज की महिलाओं को आरक्षण में शामिल नहीं करना बहुजन समाज के बड़े वर्ग को न्याय से वंचित रखना है। इसी तरह एससी-एसटी समाज की महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं देना भी अनुचित व सामाजिक न्याय की मान्यता को नकारना है। उन्होंने कहा कि सरकार ओबीसी समाज को महिला आरक्षण बिल में शामिल करे और एससी-एसटी वर्ग की महिलाओं को अलग से आरक्षण दे। साथ ही, इस विधेयक को तत्काल प्रभाव से लागू करने के सभी जरूरी उपाय करे। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं की भी बिल में उपेक्षा करना अनुचित है। देश इस बिल का भरपूर व जोरदार स्वागत करता, अगर उनकी अपेक्षाओं के मुताबिक यह अविलंब लागू हो जाता। उन्होंने सवाल उठाया कि करीब 27 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बाद अनिश्चितता और आगे और लंबा इंतजार करना कितना न्यायसंगत है?