नई दिल्ली। स्थगन के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू हो गई है। विपक्ष, मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री द्वारा बयान देने की मांग पर अड़ा है और सरकार विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है। खरगे ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री संसद का अपमान कर रहे हैं। खरगे ने कहा कि प्रधानमंत्री राजस्थान प्रचार के लिए जा सकते हैं लेकिन संसद नहीं आ सकते? राज्यसभा ने फिल्म पायरेसी के खतरे को रोकने और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा दिए गए आयु-आधारित प्रमाणन में सुधार के साथ-साथ सभी प्लेटफार्मों पर फिल्मों और सामग्री के वर्गीकरण में एकरूपता लाने के लिए सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2023 पारित किया। लोकसभा की कार्यवाही फिर शुरू हो गई है। कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है, जिस पर स्पीकर फैसला लेंगे। अभी 10 दिन का समय बचा है और जब भी स्पीकर तय करेंगे सरकार जवाब देने के लिए तैयार है। हमारे पास संख्या है और लोग हम पर और पीएम मोदी पर विश्वास करते हैं लेकिन उन पर विश्वास नहीं करते। कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने बताया कि 20 से अधिक सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल इस सप्ताह के अंत में मणिपुर का दौरा करेगा और राज्य की स्थिति का जायजा लेगा। टैगोर ने कहा कि विपक्षी सांसद काफी समय से हिंसा प्रभावित मणिपुर का दौरा करना चाहते थे लेकिन वहां के हालात को देखते हुए उन्हें अनुमति नहीं दी गई।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘सदन में कामकाज हो रहा है। हम मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और बयान जारी करें लेकिन वह राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं और राजस्थान में प्रचार में जुटे हैं। जब वह वहां जा सकते हैं तो क्या आधे घंटे के लिए सदन नहीं आ सकते और बयान नहीं दे सकते? इसका मतलब है कि उन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। वह लोकतंत्र और संविधान को बचाना नहीं चाहते। वह संसद का अपमान कर रहे हैं।’ हंगामे के चलते राज्यसभा की कार्यवाही भी दो बजे तक स्थगित। इससे पहले राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित की गई थी लेकिन जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो विपक्ष ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी गई। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने मणिपुर मुद्दे पर सरकार से इस्तीफे की मांग की है और आरोप लगाया है कि ऐसा नहीं हो सकता कि सरकार को मणिपुर के हालात के बारे में जानकारी नहीं थी।विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ‘मैं बीते कुछ महीनों में हुए घटनाक्रम के बारे में सदन को संबोधित करना चाहता था। आपने देखा कि प्रधानमंत्री ने सफल अमेरिकी दौरा किया लेकिन मुझे बुरा लगा कि विपक्ष सुनने के लिए ही तैयार नहीं है। ऐसा लगता है कि वह देश की हर उपलब्धि की बस आलोचना करना चाहते हैं। विदेश नीति एक ऐसा क्षेत्र है, जहां सब मिलकर काम करते हैं। हम देश में बहस कर सकते हैं लेकिन देश के बाहर जाकर हमें एकजुटता दिखानी चाहिए। विपक्ष को देखना चाहिए कि जब देश हित की बात हो तो राजनीति को एक तरफ रख देना चाहिए और इसकी तारीफ करनी चाहिए।’केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में विपक्ष के काले कपड़े पहनकर विरोध जताने पर कहा कि ‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति की जा रही है। यह भारत के सम्मान से जुड़ा है। मुझे लगता है कि जो लोग काले कपड़े पहने हुए हैं, वह देश की बढ़ती हुई शक्ति को नहीं समझ सकते। उनका भूत, वर्तमान और भविष्य अंधकार में है लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि उनके जीवन में भी रोशनी हो।’