लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को भारी हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। संसद के शीतकालीन सत्र में आज जबरदस्त तरीके से हंगामा हुआ। दोनों सदनों में कुछ खास कामकाज नहीं हो सका। दोनों ही सदनों में विपक्ष लगातार नारेबाजी करता रहा। पूरा का पूरा मामला बुधवार को संसद की सुरक्षा में हुई चूक का है। विपक्षी सांसद लगातार पूरे मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे। इसके अलावा वह भाजपा सांसद के निष्कासन की भी मांग पर अड़े हुए थे जिनके द्वारा मुहैया कराए गए पास के जरिए घुसपैठ संसद में घुसे थे। संसद के दोनों सदनों में हंगामा इतना रहा की लोकसभा से 13 सांसदों को निलंबित किया गया जबकि राज्यसभा से टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को पूरे शीतकालीन सत्र से निलंबित हो गए। गलती से निलंबित किए जाने के बाद एसआर पार्थिबन का निलंबन रद्द कर दिया गया। आज दोनों सदनों में क्या कुछ हुआ, आपको बताते हैं।
लोकसभा की कार्यवाही
लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को भारी हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन में आसन की अवमानना और अनादर के लिए विपक्ष के 14 सदस्यों को मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित भी कर दिया गया। पहले कांग्रेस के पांच सदस्यों टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को चालू सत्र की शेष अवधि के लिए सदन से निलंबित किया गया। इसके बाद कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद और मणिकम टैगोर, द्रमुक की कनिमोई और एस आर प्रतिबन, माकपा के एस वेकटेशन और पी आर नटराजन तथा भाकपा के के. सु्ब्बारायन के निलंबन का प्रस्ताव सदन में पारित हुआ। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ह्यह्यहम सब सहमत हैं कि कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना लोकसभा सदस्यों की सुरक्षा में गंभीर चूक थी।
राज्यसभा की कार्यवाही
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य डेरेक ओब्रायन के निलंबन को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई और हंगामे के कारण बैठक अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। भोजनावकाश के बाद तीन बार के स्थगन के बाद शाम चार बजे जब राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड़ ने निलंबन संबंधी पारित प्रस्ताव के अनुपालन में ओब्रायन को सदन से बाहर जाने को कहा। धनखड़ ने कहा कि निलंबन के बावजूद ओब्रायन का सदन में बने रहना गंभीर उल्लंघन है और यह जानबूझकर आदेश की अवहेलना है। इसके बाद सदन के नेता पीयूष गोयल ने नियम 192 के तहत इस मुद्दे को राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूर कर लिया।