नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र का आज तीसरा दिन है। आज लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन विधेयक पर लंबी बहस की जाएगी। बता दें, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विशेष सत्र के दूसरे दिन लोकसभा में विधेयक पेश किया था। लोकसभा में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पास हो गया है। इसके पक्ष में 454 वोट पड़े। इस बिल का विरोध सिर्फ दो लोगों ने किया। अब देश की निगाहें राज्यसभा पर लगी हुई हैं। लोकसभा में लंबी चर्चा के बाद पर्चियों के जरिए महिला आरक्षण विधेयक पर मतदान हो रहा है।
संसद का विशेष सत्र: राज्यसभा 21 सितंबर तक स्थगित हुई। महिला आरक्षण बिल पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपस्थित रहे। लोकसभा में पर्चियों के जरिए महिला आरक्षण विधेयक पर मतदान होगा। थोड़ी देर में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पर वोटिंग कराई जाएगी। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि क्या आप चाहते हैं कि तुरंत दे दें और सुप्रीम कोर्ट में मामला फंस जाए, लेकिन तकनीकी बातें हैं। इस विधेयक को हम अब फंसने नहीं देंगे। महिलाओं को इंतजार नहीं करना पड़े, इसका पक्का प्रबंध कर रहे हैं। हम नहीं चाहते कि लोग जनहित याचिकाएं लगाएं। उनके पास न तो नीति थी, न नीयत थी, न नेतृत्व था। हमारे पास नीति भी है, नीयत भी है और मोदी जी जैसा नेतृत्व भी है। मेघवाल ने कहा कि 1992 की बैच में जो चुनकर आया, वही तो अब सचिव बनेगा। तो 1992 में कौन सत्ता में था? आप अपनी सरकार को कोस रहे हो। आपने तो 1952 में बाबा साहेब आंबेडकर को चुनाव हरवाया। आप तो उन्हें संविधान सभा में भी आने नहीं देना चाहते थे और आप ओबीसी के भले की बात करते हैं? आपने तो आंबेडकर साहब का तैल चित्र भी संसद के केंद्रीय कक्ष में नहीं लगने दिया। अधीर रंजन चौधरी ने अर्जुन राम मेघवाल की बात का विरोध किया कि उनका दावा बेबुनियाद है। इस पर अमित शाह खड़े हुए और कहा कि जैसे राहुल गांधी को भाजपा ने हराया, वैसे ही बाबा साहेब के सामने जीतकर आने वाले प्रत्याशी कांग्रेस के थे। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि सुषमा स्वराज जी ने कहा था कि महिलाओं के प्रतिनिधित्व के बिना यह विकास यात्रा अधूरी है। राहुल गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लिया और आखिर में जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाया। इसके बाद लोकसभा में सत्तापक्ष की तरफ से शोर होने लगा। तब राहुल गांधी ने कई बार सत्तापक्ष के सदस्यों से कहा- डरो मत, डरो मत, डरो मत। एक बार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें इसके लिए टोका भी कि इस तरह के शब्दों का प्रयोग उचित नहीं है। राहुल गांधी के भाषण के तुरंत बाद गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन की बारी आई। जैसे ही वे बोलने के लिए खड़े हुए, अब विपक्ष की ओर से शोर होने लगा। इस पर अमित शाह ने भी चुटकी लेते हुए कहा- डरो मत, भागो मत।