शिमला। राजधानी के पांच वार्डों की कई रिहायशी कॉलोनियों में दरारें बढ़ने से इनमें भूस्खलन का खतरा मंडरा गया है। लगातार बढ़ रही दरारों के बाद लोगों ने अब खुद यहां से पलायन करना शुरू कर दिया है। शहर के कृष्णानगर, फागली, नाभा, समरहिल और अनाडेल वार्ड के कुछ रिहायशी इलाकों में बारिश से भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। खतरे को भांपते हुए लोगों को भरी बरसात में बेघर होना पड़ रहा है। अकेले कृष्णानगर वार्ड में ही अब तक 50 से ज्यादा परिवारों ने अपने मकान और ढारे खाली कर दिए हैं। यहां रिहायशी कॉलोनियों में पड़ रही दरारों के बाद लोगों का पलायन जारी है। वार्ड के विष्णु मंदिर इलाके में छह मकान ढहने से 19 परिवार बेघर हो गए थे। यहां साथ लगते अन्य मकानों को भी खतरा है। ऐसे में इनमें रह रहे 20 से ज्यादा परिवार शिफ्ट हो गए हैं।
दूसरी ओर रविदास कॉलोनी से भी 10 से ज्यादा मकान खाली कर दिए हैं। यहां भी मकानों में दरारें बढ़ रही हैं। शुक्रवार को आठ और शनिवार को चार और परिवारों ने यहां मकान खाली किए हैं। कृष्णानगर में खाली करवाए आवासों में रहने वाले लोग राहत शिविरों में रात बिता रहे हैं। दिन के समय सभी अपने मकानों को देखने पहुंच रहे हैं। रविदास कॉलोनी में शनिवार को भी कई लोग पहुंचे। आवासों से सामान भी निकाला। स्थानीय निवासी प्रेम कुमार और धीरज ने बताया कि उनके मकान की दीवार पर दरार आ गई है। प्रशासन जल्दी डंगा लगाए तो उनके घर बच सकते हैं। सुमेला देवी ने कहा कि उनके मकान उजड़ रहे हैं। इसे कोई नहीं बचा रहा। यदि घर ढह गया तो कहां जाएंगे। छोटे-छोटे बच्चों को राहत शिविरों में रखना पड़ रहा है। नाभा वार्ड में भी करीब 25 लोग नाभा क्लब में ठहराए गए हैं। पार्षद सिमी नंदा के अनुसार बाइपास सड़क पर बने कई ढारों को भी खतरा पैदा हो गया है। दो ढारे खाली करवा दिए हैं। ब्लॉक 28 के पास धोबियों के आवास भी खतरे में हैं। फागली वार्ड में बेघर हुए करीब 65 लोग लेबर हॉस्टल में ठहराए हैं। पार्षद कल्याण धीमान ने बताया कि लालकोठी के पास पेड़ ढहने से कई ढारे टूट चुके हैं। कई पर खतरा मंडरा रहा है। इन सबको खाली करवा दिया है। समरहिल के एमआई रूम तीन और अनाडेल के कोमली बैंक में भी तीन भवनों को खाली करवा दिया है। राजधानी शिमला के कृष्णानगर में लोगों को हो रही परेशानियों को लेकर शनिवार को नागरिक सभा के प्रतिनिधिमंडल ने नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त डॉ. भुवन शर्मा से मुलाकात की। सभा के संयोजक विजेंद्र मेहरा और पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि पेड़ों से भवनों को खतरा है। कूड़ा नियमित न उठने और पानी की उचित निकासी नहीं है। इन दोनों समस्याओं का हल किया जाए। पूर्व महापौर संजय चौहान ने कहा कि कृष्णानगर का एक बहुत बड़ा हिस्सा असुरक्षित है। रास्ते टूट चुके हैं। नालों में कूड़े के ढेर लगने से दुर्गंध फैली हुई है, इससे संक्रमण का खतरा है। अतिरिक्त आयुक्त ने इन समस्याओं का तुरंत निदान करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर फालमा चौहान, बालक राम मौजूद रहे। राजधानी के लालपानी में निजी बस खाई में गिरने से बच गई। इस बस में 25 लोग सवार थे। बस में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। यह घटना शनिवार शाम लालपानी में पेश आई। निजी बस पंथाघाटी से आईएसबीटी होते हुए पुराने बस अड्डे जा रही थी। लालपानी के पास बस अनियंत्रित हो गई। प्राइवेट बस आॅपरेटर यूनियन के महासचिव सुनील चौहान ने बताया कि लालपानी बाईपास के पास ट्रक को पास देते हुए बस खाई में जाने से बची। चालक की सुझबूझ से बस नियंत्रित कर ली गई। सवारियां पिछले दरवाजे से सुरक्षित निकल गईं।