लखनऊ। बड़े संस्थानों को आग लगने की दशा में पहले से प्रबंधन करना होगा। इसके लिए अनिवार्य रूप से एक फायर आॅफिसर की नियुक्ति करनी होगी। कैबिनेट ने उप्र अग्निशमन तथा आपात सेवा अधिनियम-2022 की नियमावली को लागू करने की मंजूरी प्रदान कर दी। शासन के निर्देश पर गृह सचिव और डीआईजी अग्निशमन सेवा की कमेटी ने नियमावली तैयार की है। नई नियमावली के मुताबिक अग्निशमन सेवा विभाग को अब उप्र अग्निशमन एवं आपात सेवा के नाम से जाना जाएगा। इसमें बड़े संस्थानों में अग्निशमन अधिकारी की तैनाती का नियम बनाया गया है। वहीं, लापरवाही की वजह से आग लगने पर विभाग को इमारत सीज करने का अधिकार भी दिया गया है। बता दें कि राज्य सरकार ने 13 दिसंबर 2022 को अग्निशमन सेवा का नया अधिनियम बनाया था। इसकी नियमावली तैयार करने के बाद बृहस्पतिवार को कैबिनेट में पेश की गयी। नियमावली के मुताबिक प्रतिष्ठानों आदि में अग्निशमन उपकरणों की आपूर्ति करने वाली एजेंसियों को पहले महानिदेशक अग्निशमन एवं आपात सेवाएं से अनुमति प्राप्त करनी होगी। वहीं हर छह माह में प्रतिष्ठान की ओर से उपकरणों के सही हालत में होने का प्रमाण पत्र देना होगा। नियमावली में असिस्टेंट डीआईजी का नया पद भी सृजित किया गया है। यह डीआईजी रैंक का अफसर होगा। वहीं आईजी रैंक के अफसर को निदेशक अग्निशमन एवं आपात सेवाएं के पद पर तैनात किया जाएगा।