लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने सरकारी स्थित आवास पर आयोजित कार्यक्रम में 51 बसों, 38 इंटरसेप्टर वाहनों और 12 पब्लिसिटी वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और इलेक्ट्रिक वाहन स्वामियों को अनुदान राशि का वितरण किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास से 4100 इलेक्ट्रिक वाहन स्वामियों को अनुदान राशि का हस्तांतरण किया साथ ही 51 बसों, 38 इंटरसेप्टर वाहनों और 12 पब्लिसिटी वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के साथ ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के आॅटोमेशन के लिए एमओयू भी किया गया। इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज प्रदेश को परिवहन निगम काफी चीजें उपलब्ध करा रहा है। ट्रेनिंग के लिए एमओयू हुआ है। प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी में काफी छूट, सब्सिडी व राहत दी है। यहां 4110 लोगों को 13 करोड़ का सब्सिडी आज दी गई है। उन्होंने कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती दुर्घटनाए हैं। ओवर स्पीडिंग इसका बड़ा कारण है। सड़क और ड्राइवर का दक्ष न होना भी एक कारण है। इसी क्रम में आज अत्याधुनिक सुविधाओं वाले 38 इंटर सेप्टर दिए जा रहे हैं। यातायात के प्रति जागरूकता के लिए प्रचार वाहन भी एलईडी स्क्रीन युक्त दिए जा रहे हैं। हर स्कूल कॉलेज के पास, गांव-गांव में इसके माध्यम से लोगों को जागरूक करें। उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुंभ और कोविड काल में परिवहन विभाग ने अभिनंदनीय काम किया है। आज जो एमओयू हुआ है। इसके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी दक्ष करेंगे। अभी काफी महिलाएं ड्राइवर व कंडक्टर के रूप में काम कर रही है। इस तरह रोजगार के अवसर विकसित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने से रोजगार के अवसर बढ़ने के साथ ही प्रदूषण में कमी आएगी। आज दो लाख इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत है। परिवहन विभाग इसके लिए प्रयास करे क्योंकि सरकार 20 लाख तक का वन टाइम इंसेंटिव भी दे रही है। हमें हर पेट्रोल पंप तक इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन को स्थापित करने के लिए काम करना है तभी हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य के अनुरूप जीरो कार्बन उत्सर्जन करेंगे। आज जो बसें एनसीआर के लिए शुरू की जा रही हैं वह बसें जीरो कार्बन उत्सर्जन करेंगे। हमें ऐसा प्रयास करना है कि हर एक व्यक्ति की जान बचा सकें। सड़क दुर्घटना को कम से कम करने का प्रयास करें। कार्यक्रम में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि देश प्रदेश में सर्वाधिक दुर्घटना हाई स्पीड से होती है। हम उसे 50 फीसदी तक कम करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में 38 अत्याधुनिक सुविधाओं वाली इंटरसेप्टर वाहन आज दिए जा रहे हैं। उन्होंने सीएम से मांग की 1991 के बाद विभाग में भर्ती नहीं हुई है। जबकि गाड़ियां तीन गुणा और यात्री भी काफी बढ़े हैं। मानव संसाधन मिल जाने पर दुर्घटना में कमी के लक्ष्य को काफी पूरा कर सकते हैं। कार्यक्रम में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के राहुल कुमार ने कहा कि यूपी में राम राज्य की दिशा में काफी काम और प्रगति हो रही है। यह प्रदेश में पहले नहीं था। कार्यक्रम में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र आदि उपस्थित थे।