नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह 11 बजे देशवासियों को मन की बात कार्यक्रम के जरिए संबोधित किया। यह मन की बात का 104वां एपिसोड था। पीएम ने अपने संबोधन की शुरूआत चंद्रयान 3 की सफलता के साथ की। पीएम ने कहा- भारत के चंद्रयान ने ये साबित कर दिया है कि संकल्प के कुछ सूरज चांद पर भी उगते हैं। मिशन चंद्रयान नए भारत की उस स्पिरिट का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है, और हर हाल में, जीतना जानता भी है। इसके बाद पीएम मोदी ने जी-20 बैठक का जिक्र किया। उन्होंने कहा- सितंबर का महीना, भारत के सामर्थ्य का साक्षी बनने जा रहा है। इसके अलावा पीएम मोदी ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स, पर्यटन, डेयरी इंडस्ट्री और हर घर तिरंगा अभियान पर भी बात की। पीएम ने चंद्रयान मिशन को लेकर कहा – साथियों, आपको याद होगा इस बार मैंने लाल किले से कहा है कि हमें महिलाओं के नेतृत्व में डेवलपमेंट को राष्ट्रीय चरित्र के रूप में सशक्त करना है। भारत का मिशन चंद्रयान, नारीशक्ति का भी जीवंत उदाहरण है। इस पूरे मिशन में अनेकों महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर्स सीधे तौर पर जुड़ी रही हैं। भारत की बेटियां अब अनंत समझे जाने वाले अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं। किसी देश की बेटियां जब इतनी आकांक्षी हो जाएं, तो उस देश को विकसित बनने से भला कौन रोक सकता है। खेल पर बात करते हुए पीएम ने कहा- कुछ ही दिनों पहले चीन में वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स हुए थे। इन खेलों में इस बार भारत का प्रदर्शन अब तक का सबसे अच्छा रहा। हमारे खिलाड़ियों ने कुल 26 पदक जीते, जिनमें से 11 गोल्ड मेडल थे। आपको ये जानकर अच्छा लगेगा कि 1959 से लेकर अब तक जितने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स हुए हैं, उनमें जीते सभी मेडल्स को जोड़ दें तो भी ये संख्या 18 तक ही पहुंचती है। इतने दशकों में सिर्फ 18, जबकि इस बार हमारे खिलाड़ियों ने 26 मेडल जीत लिए। जी-20 को लेकर पीएम ने कहा- सितंबर का महीना, भारत के सामर्थ्य का साक्षी बनने जा रहा है। अगले महीने होने जा रही जी-20 लीडर्स समिट के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है। इस आयोजन में भाग लेने के लिए 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अनेक वैश्विक संगठन राजधानी दिल्ली आ रहे हैं। जी-20 बैठक के इतिहास में ये अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी। अपनी प्रेसिडेंसी के दौरान भारत ने जी-20 को और ज्यादा इंक्लूसिव फोरम बनाया है। भारत के निमंत्रण पर ही अफ्रीकी संघ भी जी-20 से जुड़ी और अफ्रीका के लोगों की आवाज दुनिया के इस अहम प्लेटफार्म तक पहुंची। पीएम ने तेलुगु और संस्कृत दिवस का जिक्र करते हुए कहा- इस बार मुझे कई पत्र संस्कृत भाषा में मिले हैं। इसकी वजह यह है कि सावन मास की पूर्णिमा को विश्व संस्कृत दिवस मनाया जाता है। हम सब जानते हैं कि संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है। इसे कई आधुनिक भाषाओं की जननी भी कहा जाता है। ऐसे ही भारत की एक और मातृभाषा है, गौरवशाली तेलुगू भाषा। 29 अगस्त तेलुगू दिवस मनाया जाएगा। आप सभी को तेलुगू दिवस की बहुत-बहुत बधाई। तेलुगू भाषा के साहित्य और विरासत में भारतीय संस्कृति के कई अनमोल रत्न छिपे हैं। पर्यटन पर बोलते हुए पीएम ने कहा – मेरे परिवारजनों, ह्यमन की बातह्ण के कई एपिसोड में हमने टूरिज्म पर बात की है। चीजों या स्थानों को साक्षात् देखना, समझना और कुछ पल उनको जीना, एक अलग ही अनुभव देता है। मैं अक्सर आप सभी से ये आग्रह करता हूं कि जब मौका मिले, हमें अपने देश की सुंदरता, अपने देश की विविधता को जरूर देखने जाना चाहिए। अक्सर हम भले ही दुनिया का कोना-कोना छान लें लेकिन अपने ही शहर या राज्य की कई बेहतरीन जगहों और चीजों से अनजान होते हैं।