राष्ट्रपति ने कहा कि यह पर्यावरण को लेकर हमारी प्रतिबद्धता का परिणाम है कि भारत दस साल की अवधि में जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक की रैंकिंग में 30वें से 7वें स्थान पर आ गया है। उन्होंने कहा कि सभी का स्वास्थ्य और खुशहाली प्रकृति के संरक्षण में निहित है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कहा कि जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता निश्चित रूप से कम हो रही है, लेकिन ये अब भी भारत के लिए जरूरी हैं। मुर्मू ने यहां राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार-2023 समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में एक जिम्मेदार देश की भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, हम समय-समय पर यह भी स्पष्ट करते रहे हैं कि जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता निश्चित रूप से कम हो रही है, लेकिन जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा भी हमारे देश में आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत स्वच्छ कोयला प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा दे रहा है, ताकि कोयला निकालने और उपयोग की प्रक्रिया अधिक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बन सके। राष्ट्रपति ने कहा कि यह पर्यावरण को लेकर हमारी प्रतिबद्धता का परिणाम है कि भारत दस साल की अवधि में जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक की रैंकिंग में 30वें से 7वें स्थान पर आ गया है। उन्होंने कहा कि सभी का स्वास्थ्य और खुशहाली प्रकृति के संरक्षण में निहित है।