अनुराग त्रिवेदी ब्यूरो चीफ उन्नाव
उन्नाव। साईं दरबार मंदिर लोकनगर चौरा रोड उन्नाव में चल रही सप्तदिवसीय भगवान की अमृतमयी कथा के तृतीय दिवस में राघवेंद्र सरकार प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव बड़े ही धूम धाम उत्साह उमंग के साथ मनाया गया वृंदावन से पधारी देवी दीक्षा अवस्थी जी ने बताया कि किस प्रकार भगवान ने पापियों का सर्वनाश करने के लिए साधुओं की सेवा करने के लिए अवतरित होते है । भगवान कहते है जब जब धरती पर पापियों का अत्याचार बढ़ेगा तब तब मै धरती पर अवतार लेता रहूंगा । भगवान श्रीराम की बाललीला का बखान किया। राम कथा के दौरान देवी ने बताया कि भगवान श्रीराम का जन्म अवध नरेश राजा दशरथ के यहां हुआ। श्रीराम के सभी अंग अत्यंत सुडौल और सुंदर थे। उनको देखते ही मन लुभा जाता था। राजा दशरथ और रानी कौशल्या के प्रेम में वशीभूत होकर श्री राम पवित्र बाल लीला करते थे। कथा के क्रम में उन्होंने कहा कि एक बार माता कौशल्या ने श्रीराम को स्नान और श्रृंगार करा कर झूला पर सुला दिया और स्वयं स्नान कर अपने कुलदेव की पूजा कर नैवेद्य भोग लगाकर पाक गृह गई। जब वह पुन: लौट कर पूजा स्थल पर आई तो उन्होंने देखा कि देवता को चढ़ाए गए नैवेद्य शिशु रूपी भगवान राम भोजन कर रहे हैं। जब उन्होंने झूला पर जाकर देखा तो वहां भी उन्होंने श्री राम को झूले पर सोते पाया। इस तरह पूजा स्थल और झूला के पास उन्होंने कई चक्कर लगाया और दोनों जगह पर उन्होंने श्रीराम को पाया। इस दृश्य को देखकर कौशल्या डर गई और कांपने लगी। माता की अवस्था देख श्री राम ने माता को अपना अद्भुत रूप दिखाया। उन्होंने दिखलाया कि उनके एक-एक रोम में करोड़ों ब्रह्मांड लगे हुए हैं। भगवान का विराट रूप देखकर कौशल्या माता प्रफुल्लित हो गई और आंखें मूंदकर भगवान के चरणों पर गिर पड़ी। भगवान श्रीराम ने माता को बहुत समझाया और कहा कि हे माता यह बात आप किसी से ना कहेंगी। राम कथा सुनने को लेकर काफी संख्या में भक्तजनों की भीड़ उमड़ रही है। राम कथा के दौरान देवी दीक्षा अवस्थी द्वारा भजन आदि सुना कर भी श्रद्धालुओं का मन मोहा जा रहा है। कथा के दौरान साईं मंदिर के संस्थापक सुरेंद्र कुमार वर्मा बाबा कर्म क्रांति सेवा फाउंडेशन संस्था के अध्यक्ष चेतन मिश्रा ,एडवोकेट अशोक कुमार वर्मा , मंजू वर्मा , सौरभ वर्मा , विमलेश अवस्थी आदि हजारों श्रोता उपस्थित रहें।