नई दिल्ली रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले एक बयान में कहा कि राजनाथ सिंह ने जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स के कर्मचारियों को मिलने वाली उस सुविधा को वेतनभोगी मजदूरों को भी देने का फैसला किया है, जिसके तहत उनके शवों के संरक्षण और परिवहन की सुविधा भी दी जाती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के जिन दिहाड़ी श्रमिकों की काम के दौरान मौत हो जाती है, उनके पार्थिव शरीर सरकारी खर्च पर उनके घर पहुंचाए जाएंगे। सिंह ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर हिंदी में एक पोस्ट कर घोषणा की। रक्षा मंत्रालय ने इससे पहले एक बयान में कहा कि राजनाथ सिंह ने जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स (जीआरईएफ) के कर्मचारियों को मिलने वाली उस सुविधा को वेतनभोगी मजदूरों (सीपीएल) को भी देने का फैसला किया है, जिसके तहत उनके शवों के संरक्षण और परिवहन की सुविधा भी दी जाती है। रक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार सभी श्रमिकों के कल्याण के प्रति संवेदनशील है। इसको ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्रालय में यह निर्णय लिया गया है कि बीआरओ के प्रोजेक्ट्स के निर्माण कार्य के दौरान अल्प अवधि के लिए काम करने वाले श्रमिकों की यदि किसी कारण से मृत्यु हो जाती है तो उनका पार्थिव शरीर उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाया जायेगा । राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्थिव शरीर को उनके घर पहुंचाने में होने वाले खर्च को सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि उनके अंतिम संस्कार पर खर्च की जाने वाली राशि भी बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि देश की सीमा पर और उससे सटे दूरदराज के इलाकों में सड़क बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने वालों का महत्व किसी सैनिक से कम नहीं है। इसलिए यह फैसला लिया गया है।