लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में अल्पवृष्टि की समीक्षा की और अफसरों से कहा कि अल्पवृष्टि के प्रभावों का सर्वे कराकर सटीक आंकलन करें। हम हमेशा किसानों के साथ हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अल्पवृष्टि के दृष्टिगत किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ हिस्सों को छोड़कर ज्यादातर जिलों में गत वर्ष की तरह इस बार भी बारिश असामान्य है और इसमे निरंतरता नहीं है। ऐसे में किसानों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। किसान हित के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि बरसात कम हो या ज्यादा किसान चिंतित न हों, सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित जरते हुए कहा कि हर हाल में नहरों के टेल तक पानी पहुंचाया जाए। मुख्यमंत्री ने सिंचाई एवं विद्युत विभाग को अलर्ट मोड में रहने के लिये निर्देशित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी किसानों के खेत में हर हाल में पानी पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए नदियों को चैनेलाइज करते हुए उनके पानी को नहरों में पहुंचाने की व्यवस्था करें। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि पानी हर हाल में नहर के टेल तक पहुंचे। नहरों की सुरक्षा के लिए पुलिस पेट्रोलिंग करे, ये सुनिश्चित किया जाए कि बीच में कोई नहरों को काटने न पाए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्नदाता किसानों का हित हमारी प्राथमिकता है, ऐसे में अल्पवृष्टि के प्रभावों का सर्वे कराकर सटीक आंकलन किया जाए। उन्होंने कहा कि जलाशयों में जमी सिल्ट की सफाई कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पवृष्टि में किसानों को अन्य वैकल्पिक फसलों की बुवाई के लिए प्रोत्साहित किया जाए साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित किया जाए कि नलकूपों और पंप कैनाल्स को पर्याप्त विद्युत आपूर्ति हो। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि अल्पवृष्टि की पाक्षिक रिपोर्ट बनाकर केंद्र सरकार को भेजा जाए। उन्होंने कहा कि निजी ट्यूबवेल संचालकों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए प्रेरित करें। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इस वर्ष दक्षिण पश्चिम मानसून से अबतक कुल 281.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है जो कि सामान्य वर्षा का 84.3 प्रतिशत है। बैठक में कृषि मंत्री की ओर से बताया गया कि प्रदेश में अबतक 86.07 प्रतिशत धान की बुवाई हुई है।