नई दिल्ली। अदालत इस साल अप्रैल में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सत्येन्द्र जैन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मंगलवार का चिकित्सा जमानत विस्तार, रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद सत्येन्द्र जैन को दिया गया तीसरा ऐसा विस्तार है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन को दी गई मेडिकल जमानत की अवधि बढ़ा दी। अंतरिम जमानत अब 25 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। जैसे ही पीठ सुनवाई के लिए एकत्र हुई, प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ से मामले को स्थगित करने और राहत बढ़ाने का आग्रह किया। जांच एजेंसी के बयान को स्वीकार करते हुए पीठ ने जमानत की अवधि बढ़ा दी और सुनवाई 25 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। अदालत इस साल अप्रैल में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सत्येन्द्र जैन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। मंगलवार का चिकित्सा जमानत विस्तार, रीढ़ की हड्डी की सर्जरी के बाद सत्येन्द्र जैन को दिया गया तीसरा ऐसा विस्तार है। शीर्ष अदालत ने 26 मई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन को छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन मीडिया से बात न करने और बिना अनुमति के दिल्ली छोड़ने पर प्रतिबंध सहित कई शर्तें लगाई थीं। ईडी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के बाद गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें छह सितंबर, 2019 को नियमित जमानत दे दी थी। इससे पहले ईडी ने जैन पर तिहाड़ जेल के अंदर विशेष सुविधाओं का लाभ उठाने का आरोप लगाया था और कहा था कि अज्ञात व्यक्ति उनके शरीर और पैरों की मालिश कर रहे थे। जैन न्यायिक हिरासत में बंद होने के बावजूद कई महीनों तक जेल के प्रभारी मंत्री बने रहे थे। ईडी ने अदालत के साथ कुछ सीसीटीवी तस्वीरें भी साझा की थीं और आरोप लगाया था कि जैन ज्यादातर समय या तो अस्पताल में रहे या जेल में उन सुविधाओं का आनंद ले रहे थे, जो किसी कैदी को नहीं मिलतीं।