सिलक्यारा (उत्तरकाशी) एनएचआईडीसीएल की टीम ने आॅगर मशीन को रोककर मजदूरों की लाइफलाइन के लिए छह इंच के पाइप का ड्लि शुरू किया। दोपहर करीब एक बजे सामने चट्टान आने से यह रुक गया, लेकिन शाम करीब चार बजे टीम इस 57 मीटर के पाइप को आगे पहुंचाने में सफल रही। नौ दिन से सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के लिए सोमवार का दिन कुछ राहत लेकर आया। टनल के भीतर छह इंच का दूसरा लाइफलाइन पाइप मजदूरों तक पहुंचा दिया गया। अब इस पाइप से उन्हें और अधिक भोजन सामग्री, फल, अंडे आदि भेजे जा सकेंगे। वहीं, देर शाम मजदूरों के लिए खिचड़ी भेजी गई है। सोमवार को सुबह एनएचआईडीसीएल की टीम ने आॅगर मशीन को रोककर मजदूरों की लाइफलाइन के लिए छह इंच के पाइप का ड्लि शुरू किया। दोपहर करीब एक बजे सामने चट्टान आने से यह रुक गया, लेकिन शाम करीब चार बजे टीम इस 57 मीटर के पाइप को आगे पहुंचाने में सफल रही। अब चार इंच के पाइप के साथ ही छह इंच के पाइप से भी मजदूरों को राहत सामग्री भेजी जाएगी। एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीश खलखो ने बताया, सुरंग के भीतर सभी मजदूर सुरक्षित हैं। पुराने पाइप से केवल चने, नमक, दवाइयां, टॉफी, चॉकलेट आदि ही भेज पा रहे थे, लेकिन नए पाइप से उन्हें फल, अंडे सहित और अधिक खाद्य सामग्री भेजी जाएगी। बताया, मजदूरों की स्थिति देखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन भीतर अत्यधिक धूल होने से उसकी तस्वीरें साफ नहीं आ पाईं। सुरंग के बड़कोट की ओर के सिरे में सोमवार को काम शुरू नहीं हो पाया।