लखनऊ। पांच राज्यों में हो रहे विधानस•ाा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन में शामिल यूपी के दो छत्रप सपा एवं कांग्रेस के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। दोनों दलों की ओर से असंसदीय टिप्पड़ी में होने लगी है। ऐसे में इस गठबंधन की यूपी में राह कठिन होती दिखने लगी है। हालाकि आगामी लोकस•ाा चुनाव में अ•ाी कई माह का समय है।
यूपी में हाल में सम्पन्न हुए घोषी उप चुनाव तक इंडिया गठबंधन में शामिल कांग्रेस एवं सपा के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था। इसी के बदौलत सपा ने यहां पर परचम लहराया, लेकिन मध्य प्रदेश के विधानस•ाा चुनाव को लेकर दो दलों में खटास तेज हो रही है। एकपी में करीब दो दर्जन से अधिक सीटों पर सपा एवं कांग्रेस के प्रत्याशी एक दूसरे के सामने ताल ठोक रहे हैं। इसे लेकर यूपी में •ाी बयानबाजी तेज हो गयी है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने आज मीडिया से कहा कि कांग्रेस •ााजपा से मिली हुई है। मै काग्रेस के वरिष्ठ नेताओंं से अपील करता हूं कि अपने चिरकुट नेताओं से हमारी पार्टी के बारे में इस तरह के बयान न दिलवाए।
वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कि सपा नेता हमको जो •ाी कहना चाह रहे हैं कहें, लेकिन कांग्रेस पार्टी को कमजोर न करें। मध्य प्रदेश में हम •ाारतीय जनता पार्टी को हरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने एमपी में स्वयं छह सीटों की बात की थी। इसके बावजूद उन्होंने पहली लिस्ट में 7 प्रत्याशी उतार दिए। इसके बाद और 22 सीटों पर लड़ा रहे हैं तो आखिर अपनी ही जो बात है उससे वह पीछे हट गए। उन्होंने कहा कि सपा द्वारा चुनाव में उतारे गये प्रत्याशियों से किसकी मदद होगी यह उत्तर प्रदेश जानना चाहता है। कांग्रेस पांचों राज्यों में •ााजपा को हरा रही हैं। जबकि सपा अपने प्रत्याशी और उतार कर हमारी लड़ाई को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। अजय राय ने कहा कि हमने तो घोसी उपचुनाव में बिना शर्त और बिना मांगे समर्थन दिया था। इसी कारण सपा वहां पर जीती। लेकिन सपा एमपी में प्रत्याशी उतार कर किसको फायदा पहुंचाना चाह रहे है।
इस तरह सपा एवं कांग्रेस के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। यदि यहीं हाल रहा तो यूपी में इंडिया गठबंधन कमजोर हो जायेगा और •ााजपा पिछले लोकस•ाा चुनाव की तरह इस बार •ाी यहां अधिकांश सीठों पर जीत हासिल करेगी।