लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग में मनमानी पर उतारु डॉक्टरों पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने शिकंजा कस दिया है। लंबे समय से गैरहाजिर चल रही चार महिला डॉक्टरों को डिप्टी सीएम ने बर्खास्त करने की संस्तुति की है। सरकारी आदेशों की अवहेलना करने वाले चारों डॉक्टरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है।सरकारी अस्पतालों में बड़ी संख्या में डॉक्टर बिना बताए गायब चल रहे हैं। इन डॉक्टरों ने अपने अधिकारियों को ड्यूटी पर न आने की सूचना तक देना मुनासिब नहीं समझा। अधिकारियों ने पत्राचार भी किया। इसके बावजूद गैरहाजिर डॉक्टरों ने कोई जवाब नहीं दिया। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने डॉक्टरों के रवैए पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को ऐसे डॉक्टरों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए हैं। डॉक्टरों की पहचान के बाद लगातार कार्रवाई की जा रही है। डिप्टी सीएम ने आज चार और डॉक्टरों की बर्खास्त की संस्तुति की है। ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को आदेश दिया गया है। उन्होंने कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी में लापरवाही व अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे डॉक्टर और कर्मचारियों को कठोर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सरकार डॉक्टरों को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करा रही हैं। उनकी समस्याओं को निस्तारण कर रही है। ऐसे में डॉक्टर भी अपनी नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वाहन करें। चिकित्साधिकारी एवं स्वास्थ्यकर्मियों की जनसामान्य की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। उनके विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।झांसी के मोठ, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात डॉ. श्वेता त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई की गई है।इसी तरह गोरखपुर के कम्पियरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात डॉ. आफरीन अली, भदोही स्थित औराई सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की डॉ. ज्योत्सना सिंह, हमीरपुर के राठ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की डॉ. नम्रता कुमार शामिल है।