नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हुई बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आॅफ असम (उल्फा) के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए गए। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आॅफ असम (उल्फा) के गुट और केंद्र और असम सरकार के बीच त्रिपक्षीय शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस बाबत राजधानी दिल्ली में हुई बैठक में असम के सीएम हिमंता बिस्व शरमा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के डीजीपी भी मौजूद रहे। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है। लंबे समय तक असम और पूरे उत्तर-पूर्व ने हिंसा झेली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ही उग्रवाद, हिंसा और विवाद मुक्त उत्तर-पूर्व भारत की कल्पना लेकर गृह मंत्रालय चलता रहा है। भारत सरकार, असम सरकार और वछऋअ के बीच जो समझौता हुआ है, इससे असम के सभी हथियारी गुटों की बात को यहीं समाप्त करने में हमें सफलता मिल गई है। ये असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों की शांति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि आज असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में असम की शांति प्रक्रिया निरंतर जारी है। प्रतिनिधिमंडल में 16 उल्फा सदस्य और 14 लोग नागरिक समाज से शामिल हैं। इसके पहले केंद्र ने अप्रैल में वार्ता समर्थक गुट को प्रस्तावित समझौते का मसौदा भेजा था, जबकि अगस्त में नई दिल्ली में गुट के साथ चर्चा का एक और दौर आयोजित किया गया था। संगठन के महासचिव अनुप चेतिया ने कहा, शांति समझौते के लिए उल्फा के वार्ता समर्थक गुट का 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को दिल्ली पहुंच चुका है।