नई दिल्ली। किसानों को कर्ज न लेना पड़े इसको लेकर काम होना चाहिए सरकार द्वारा किसानों को लेकर किया जा रहे दावों पर उन्होंने कहा कि हो सकता है दिल्ली में सभी चीज लागू हो गई हो लेकिन गांव में नहीं हुई है। जहां किसान भारी संख्या में रहते हैं किसानों को आज भी संघर्ष करना पड़ता है। प्रभासाक्षी के 22 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में किसानों के नेता राकेश टिकैतने किसानों के मन की बात बोलते हुए कहा कि उन्हें बस इसी बात की उम्मीद है कि उनके फसल को अच्छे दाम मिले जो किसानों की जरूरी सामान है। उनकी कीमतें कम होनी चाहिए उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसानों के कर्ज माफ करने से समस्याओं का समाधान नहीं होगा। किसानों को कर्ज न लेना पड़े इसको लेकर काम होना चाहिए सरकार द्वारा किसानों को लेकर किया जा रहे दावों पर उन्होंने कहा कि हो सकता है दिल्ली में सभी चीज लागू हो गई हो लेकिन गांव में नहीं हुई है। जहां किसान भारी संख्या में रहते हैं किसानों को आज भी संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर पराली से इतना नुकसान है तो हमारे वैज्ञानिकों को इसका समाधान करना चाहिए। राजनीति में आने को लेकर उन्होंने साफ तौर पर इनकार किया। उन्होंने कहा कि प्रेस वालों को राजनीति में आना चाहिए। हम जितना राजनीति से दूर रहे उतना ही अच्छा है। उन्होंने अग्निवीर पर तंज करते हुए कहा कि अगर रोजगार चार साल का है तो पॉलिटिकल रोजगार भी 4 साल का होना चाहिए।