नई दिल्ली। दिल्ली में कथित शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के एक और बड़े नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद राजधानी का सियासी पारा हाई है। आज संजय सिंह को कोर्ट में पेश किया जाएगा। संजय सिंह की गिरफ्तारी के विरोध में आम आदमी पार्टी का दिल्ली स्थित दफ्तर पर प्रदर्शन जारी है। दिल्ली के अलावा, मुंबई और पुणे में भी आप कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। कोर्ट ने ईडी को सांसद संजय सिंह की पांच दिन की रिमांड दी है। इससे पहले संजय सिंह के पिता दिनेश सिंह ने कहा, फैसला अभी सुरक्षित है, अभी परिणाम आ जाएगा। रिमांड 1 हफ्ते की होगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ये लोग सारे झूठे केस लगा रहे हैं। इतने केस लगा लिए, इतनी जांच कर ली लेकिन कुछ निकलता तो है नहीं। इस जांच-जांच के खेल में सबका समय खराब होता है। संजय सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने कहा, इस मामले में जांच जारी है और कभी खत्म नहीं होगी। दिनेश अरोड़ा, जो एक मुख्य गवाह है, उसे पहले एजेंसियों ने आरोपी बनाया था और बाद में वह मामले में सरकारी गवाह बन गया। वहीं अदालत ने संजय सिंह की कस्टडी पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक नवीन कुमार मट्टा ने मामले को कोर्ट में पेश किया। ईडी ने शराब घोटाले मामले में आप नेता संजय सिंह की 10 दिन की रिमांड मांगी है। ईडी ने दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट आप सांसद संजय सिंह की रिमांड मांगते हुए कहा कि ईडी को डिजिटल सबूतों के साथ सिंह का आमना-सामना कराना है। साथ ही हमें डिजिटल डेटा निकालना होगा, इसके अलावा अन्य व्यक्तियों से पूछताछ करने की जरूरत है। कुल 239 जगहों पर तलाशी ली गई है, कल उनके घर पर भी तलाशी हुई थी। दिनेश अरोड़ा के कर्मचारी ने संजय सिंह के आवास पर 2 करोड़ रुपये नकद दिए, ईडी ने यह भी कहा कि एक करोड़ रुपये उन्होंने इंडोस्पिरिट्स से लिए। आप सांसद संजय सिंह को प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राऊज एवेन्यू कोर्ट ले गए। संजय सिंह को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनके आवास पर एऊ की छापेमारी के बाद कल शाम गिरफ़्तार किया गया था। आप सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी पर छत्तसीगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब से एनडीएक की सरकार बनी है। तभी से विपक्षी नेताओं को दबाने और कुचलने की कोशिश जारी है।प्रजातंत्र में विपक्ष का होना बहुत जरूरी है। ऐसे में सभी विपक्षियों को जेल में ठूसने की बात हो रही है। ये सीधा-सीधा तानाशाही है। लेकिन देश प्रजातांत्रिक है, जिसकी जड़ें बहुत गहरी हैं।