सोलर एनर्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार व यूपी नेडा अग्रसर है। राज्य सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 के अन्तर्गत यूपी नेडा द्वारा सौर ऊर्जा के उत्पादन हेतु वृहद स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। इससे बिजली के उत्पादन में उत्तर प्रदेश राज्य की आत्मनिर्भरता बढ़ रही है। वर्तमान में अनेक परियोजनाएं धरातल पर फलीभूत होने के साथ-साथ युवाओं को इन परियोजनाओं के जरिये रोजगार भी मिल रहा है। तो कहा जा सकता है कि प्रदेश में एक तरफ ग्रीन एनर्जी के रूप में सोलर को बढ़ावा देने के लिए सरकारी एजेंसियों व यूपी नेडा सतत प्रयास कर रही है। यूपी नेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी , बेहद सरल मृदुभाषी होने के साथ-साथ अनुशासन प्रिय, दूर दृष्टि और क्षमतावान भारतीय प्रशासनिक अधिकारी हैं। इनके कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा नीति तथा जैव ऊर्जा नीति धरातल पर कार्य करने लगी है। श्री शुक्ला जी ने बताया कि जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चिंता के साथ, उत्तर प्रदेश ऊर्जा के लिए अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को अपनाने की दिशा में अग्रसर है। उत्तर प्रदेश में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के सामाजिक और पर्यावरणीय रूप से विकास को बढ़ावा देना है, जिसमें राज्य में विकेन्द्रीकृत सौर परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए फ्लोटिंग सोलर के लिए संभावित अवसरों का आकलन करना और विज्ञान-आधारित टिकाऊ व्यवसाय मॉडल विकसित करना शामिल है। इसी क्रम में समय चक्र टाइम्स के सम्पादक राकेश कुमार द्वारा यूपी नेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला जी से बातचीत के कुछ अंश।
सम्पादक:- सर जब से आपने यूपी नेडा के निदेशक का पदभार संभाला है और कौन-कौन सी उपलब्धियां अभी तक विभाग द्वारा हासिल की गई हैं, तथा प्रदेश को और अधिक से अधिक सोलर के रूप में विकसित करने के लिए कौन-कौन सी योजनाएं धरातल पर कार्य कर रही हैं?
निदेशक:- देखिए सबसे पहली उपलब्धि यह है कि हम लोगों ने पिछले एक से डेढ़ साल में दो नीतियां लाए हैं। सौर ऊर्जा नीति 2022, जैव ऊर्जा नीति 2022 के साथ ही में हम लोग ग्रीन हाइड्रोजन की भी नीति ला रहे हैं, जो कि नई नीति होगी। आपको याद होगा जो ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 450 से ज्यादा हमारे पास एमओयू हस्ताक्षरित हुए थे ,जो लगभग 8 लाख करोड़ के हैं। उन 8 लाख करोड़ के एमओयू में से सोलर के क्षेत्र में लगभग दो से ढाई लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव हैं। बायो ऊर्जा के क्षेत्र में लगभग 55 हजार करोड़ और इसी तरह से ग्रीन हाइड्रोजन क्षेत्र में लगभग दो से ढाई लाख करोड़ के और लगभग 1 लाख करोड़ के पंप स्टोरेज प्लांट के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इस तरीके से लगभग 8 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट आए हैं। अब यह आठ लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट में पिछले 6 महीने में बात की जाए तो फरवरी से नवंबर तक हम लोगों ने लगभग 1 लाख करोड़ से ज्यादा के इन्वेस्टमेंट को जमीन पर उतारा है। जब जमीन पर उतारने की बात आती है ,सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है की जमीन कहां से आए तो हम लोगों ने 6000 एकड़ से ज्यादा भूमि सरकारी कंपनियों को और निजी कंपनियों को भी आवंटित कर दी है । यह सबसे बड़ी उपलब्धि है हम लोगों के लिए।
सम्पादक:- सर जैव ऊर्जा नीति व बायोपेलेट यूटिलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए आप के द्वारा कौन कौन से कार्य किए जा रहे हैं?
निदेशक:- देखिए अगर बात की जाए जैव ऊर्जा नीति की तो इसके अंतर्गत 100 ऐसे इन्वेस्टमेंट है, जिनसे उत्तर प्रदेश में लगभग 4000 करोड़ के निवेश को हम लोगों ने मिलकर धरातल पर उतारा है। और सबसे बड़ी बात यह है कि लगभग 20 से ज्यादा प्लांट जमीन पर लगना शुरू हो चुके हैं। आपको पता होगा कि प्रदेश में हमारे तापीय विद्युत उत्पादन प्लांट्स हैं, इन थर्मल पावर प्लांट्स में कोयले के स्थान पर बायोपेलेट के उपयोग के लिए भी हम लोग आगे बढ़ रहे हैं। आपको जानकर खुशी होगी कि बायोपैलेट के प्लांट बहराइच तथा हरदोई में संचालित हो गए हैं। लखनऊ के वीकेटी में प्रयागराज में तथा अन्य जनपदों में भी प्लांटों की स्थापना कराई जा रही है। मतलब यह है कि जहां-जहां तापीय परियोजना है जैसे कि रायबरेली में ऊंचाहार की परियोजना है ,वहां पर भी बायोपेलेट के प्लांट खुलने जा रहे हैं। इस तरीके से हम लोग बायोपेलेट के यूटिलाइजेशन को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
सम्पादक:- सर भारत सरकार के आयल मार्केटिंग कंपनियां उत्तर प्रदेश में कहाँ-कहाँ पर अपने संयंत्र स्थापित कर रही है तथा कितने प्लांट्स अभी तक लगाए जा चुके हैं?
निदेशक:-देखिए भारत सरकार में जो आयल मार्केटिंग कंपनी है जैसे आईओसीएल, एचपीसीएल, बीपीसीएल, गेल, ओएनजीसी इन सब कम्पनियों ने भी लगभग 57 कम्प्रेस्ड बायोगैस के प्लांट्स यूपी में लगाने का निर्णय किया है। उन 57 प्लांट्स पर लगभग 4से 5 हजार करोड रुपए का इन्वेस्टमेंट होगा उसमें से हम लोगों ने आईओसीएल को जौनपुर और सीतापुर में तथा एचपीसीएल को कन्नौज में जमीन आवंटित करा दी है। साथ ही पेट्रोनेट को अमेठी , फतेहपुर , कानपुर देहात में जमीन आवंटित की गई है आगे विभिन्न कंपनियों को जमीन उपलब्ध होते ही उन्हें संयंत्र की स्थापना हेतु प्रदान करेंगे। हम लोग रिलायंस कंपनी को भी जमीन उपलब्ध करा रहे हैं उन्होंने भी लगभग 50 प्लांट्स लगाने का प्रोग्राम बनाया है।
सम्पादक:- सर सरकार की योजना सोलर रूफटॉप किस प्रकार से उत्तर प्रदेश में इस योजना को आगे बढ़ाया जा रहा है?
निदेशक:- देखिए हम लोग सोलर रूफ टॉप को अधिक से अधिक प्रमोट कर रहे हैं, आपको पता होगा कि अभी उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने नेट मीटरिंग की सुविधा सरकारी इंस्टिट्यूट और शैक्षणिक संस्थाओं में भी लागू कर दी है। हमारे सौर ऊर्जा नीति में यह प्राविधान है कि हम लोग घरेलू और कृषि पंप के अलावा शैक्षणिक संस्थान चाहे वह निजी हो व सरकारी हो में नेट मीटरिंग की सुविधा देंगे। इससे सौर ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ-साथ जो भी हमारे सरकारी इंस्टिट्यूट्स हैं , वहां रेस्को मोड में रूफटॉप लगाने जा सकता हैं। अभी आपने देखा होगा कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में एक मेगावाट क्षमता का प्लांट स्थापित होकर संचालित है साथ ही प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों जैसे प्रयागराज, गोरखपुर, अम्बेडकर नगर, सहारनपुर आदि में रेस्को मोड में संयंत्रों की स्थापना की कार्रवाई की जा रही है। इस तरीके से हम लोग लगातार जितने भी मेडिकल कॉलेज है यूनिवर्सिटी है या बड़े इंस्टिट्यूट है रूफटॉप लगाने की ओर अग्रसर हैं। अगर बात करें घरेलू सेक्टर की तो घरेलू सेक्टर में आपको पता होगा कि लखनऊ सोलर सिटी, अयोध्या सोलर सिटी, वाराणसी सोलर सिटी जितने भी 18 नगर निगम है, इन सभी को सोलर सिटी के रूप में विकसित कर रहे हैं। बाकी हम लोगों का प्रयास है कि लोक भवन में , बापू भवन में विधानसभा में भी हम लोग रूफटॉप लगाकर इसको जल्द से जल्द पूरा कर लें। यह मान कर चलिए कि अगले दो से तीन महीने में यह लग जाएगा।
सम्पादक:- सर जो नेडा विभाग है यह जनता से जुड़ा हुआ विभाग माना जाता है और हमारे प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री जी के द्वारा भी इस पर जोर दिया जा रहा है घरों घरों तक सौर ऊर्जा की पहुंच हो, इसमें लागत बहुत ज्यादा लग रही है तो आपके मन में कोई योजना है कि जिससे लोगों को लागत कम लगे?
निदेशक:-देखिए फ्री मार्केट है, यहां 500 वेंडर है ,आप किसी से भी लगवा सकते हैं । कोई नया वेंडर बनना चाहे वह बन जाए। ढाई लाख की बैंक गारण्टी प्राप्त कर इस प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है। ढाई लाख का बैंक गारंटी दीजिए और कोई भी व्यक्ति वेंडर बन सकता है। आपको लगता है कि कीमत बहुत ज्यादा है तो आप ही वेंडर बन जाइए और अपने घर पर खुद लगवा सकते हैं। इस पर भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार मिलकर लगभग 40 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है। इस हेतु दरे हैं हमने कोई फिक्स नहीं किया है। जो दरे हैं वह मार्केट के अनुसार निर्धारित होंगी।
सम्पादक:- सर जब आप जब मुख्य विकास अधिकारी के पद पर जौनपुर मे कार्यरत थे तब समूह की महिलाओं के लिए आपने बहुत सारे सामाजिक कार्य किए थे, इस विभाग में भी क्या कोई ऐसी योजना हैं, प्रदेश स्तर पर इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए कोई कार्य किया जा रहा हो जिससे वह रोजगार पा सके तथा आत्मनिर्भर बन सके।
निदेशक:-देखिए अभी हम लोगों अगले 5 साल में हम लोग 30000 बच्चों को सूर्य मित्र की ट्रेनिंग देंगे आईटीआई पास युवा इसका प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। इस साल हम लोगों ने लगभग 2100 लोगों को ट्रेनिंग दी हैं। प्रदेश के 81 आईटीआई और तीन नेडा के तीन प्रशिक्षण संस्थानों में यह ट्रेनिंग दी जा रही हैं। जैसा आपने अभी कहा कि समूह की महिलाओं के लिए हम लोग उनको भी इस कार्य में शामिल कर सकते हैं और यह ैत्स्ड के माध्यम से कराया जा रहा है। इसमें सोलर संयंत्रों की स्थापना, अनुरक्षण की ट्रेनिंग प्रदान की जाती है। इसको और विकसित करने के लिए प्रदेश स्तर पर कार्य चल रहा है।
सूरज की रोशनी से रोशन होगी अयोध्या
सम्पादक:- सर जिस प्रकार से प्रदेश की पहली सोलर सिटी अयोध्या को विकसित करने के लिए कार्य चल रहा है कब तक का यह अनुमान लगाया जाए कि अयोध्या सोलर सिटी के रूप में पूर्ण रूप से विकसित हो पाएगी?
निदेशक:-हम लोग अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित कर रहे हैं। यह हमारा पहला मॉडल सोलर सिटी होगा जहां 40 मेगावाट का सोलर प्लांट लगा रहे हैं। सरयू नदी के बगल में हम लोगों ने 165 एकड़ जमीन आवंटित कर के प्लांट लगाने का कार्य शुरू हो चुका है। अनुमान है कि जनवरी तक 10 या 15 मेगावाट का प्लांट स्थापित हो जाएगा। अयोध्या में हम लोग सोलर बोट ला रहे हैं, सरयू नदी पर इसके लिए सोलर ईवी चार्जिंग भी हम लोग लगा रहे हैं। इसके साथ-साथ सूर्य कुंड है वहां पर हम लोगों ने बहुत सारे सोलर ट्री लगाए हैं। अयोध्या के लगभग 40 पार्कों में हम लोग सोलर ट्री लगा रहे हैं। उसके साथ 300 से अधिक स्मार्ट लाइट अयोध्या में लग चुकी है। जहां पर बांध है। और ढाई से तीन हजार लगभग नॉर्मल सोलर लाइट पूरे अयोध्या नगर में लगाई है। तथा इसके साथ-साथ राम पथ के दोनों और सोलराइजेशन का कार्य हम लोग कर रहे हैं आप को जानकार यह खुशी होगी कि अयोध्या में लगभग सभी सरकारी भवनों में रूफ टॉप लगा दिया है और 500 से अधिक घरों में हम लोगों ने सोलर रूफ टॉप लगा दिया है। कमर्शियल और इंडस्ट्रियल एरिया में जितने भी दुकानें हैं या इंडस्ट्रीज है हम लोगों ने इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के साथ मिलकर व्यापार मंडल के साथ मिलकर के वहां पर भी सोलर रूफ टॉप लगाना प्रारंभ कर दिया है।