लखनऊ कोर्ट ने रोडवेज से कहा है कि हाईकोर्ट परिसर के पास सर्विस लेन पर बसें न चलवाए। वहीं, सरकार को आदेश दिया कि अवध बसअड्डे को हाईकोर्ट के पास से हटाकर किसी अन्य सुविधाजनक स्थान पर शिफ्ट करने के यातायात पुलिस के प्रस्ताव पर जल्द निर्णय ले। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने अवध बसअड्डे और अपने परिसर के पास लगने वाले जाम को लेकर सख्त आदेश दिया है। रोडवेज से कहा है कि हाईकोर्ट परिसर के पास सर्विस लेन पर बसें न चलवाए। वहीं, सरकार को आदेश दिया कि अवध बसअड्डे को हाईकोर्ट के पास से हटाकर किसी अन्य सुविधाजनक स्थान पर शिफ्ट करने के यातायात पुलिस के प्रस्ताव पर जल्द निर्णय ले। इसके लिए रोडवेज से भी मशविरा किया जाए। न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने यह आदेश अवध बार एसोसिएशन की याचिका पर दिया। इसमें, हाईकोर्ट बिल्डिंग के सामने व आसपास जाम की समस्या दूर करने का आग्रह किया गया है। कहा गया कि कोर्ट के पीक आवर्स में सर्विस लेन पर भारी वाहनों का रेला चलता है। इससे कोर्ट के कार्य समय में जाम लगने से भारी असुविधा होती है। कोर्ट आने वालों के वाहन जाम में फंस जाते हैं। रोडवेज बस अड्डा होने से समस्या और गंभीर होने की जानकारी दी गई। इस पर अपना आदेश देते हुए कोर्ट ने मामले को जनवरी में सूचीबद्ध करने के निर्देश दिए। आधुनिक सुविधाओं से लैस अवध बस अड्डा जुलाई 2020 में शुरू हुआ था। सीएम योगी ने इसका लोकार्पण किया था। इससे पूर्वांचल के साथ राजधानी की कनेक्टिविटी बेहतर हुई। गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, अयोध्या, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, अम्बेडकरनगर और खलीलाबाद सहित विभिन्न जिलोंं के लिए बसें यहां से रवाना होती हैं। पहले इन जगहों के लिए यात्रियों को कैसरबाग, चारबाग या आलमबाग बसअड्डे पर निर्भर रहना पड़ता था। बाद में यहां की ज्यादातर बसों को अवध बस अड्डे पर शिफ्ट कर दिया गया। इससे शहर के अंदर जाम की समस्या से थोड़ी निजात मिली।