शिमला। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में 109 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है और कई जगहों पर भूस्खलन के कारण 2 राष्ट्रीय राजमार्गों समेत सैकड़ों संपर्क सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। पिछले दो महीनों में 156 जगहों पर भूस्खलन और 63 जगहों पर बाढ़ आई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अब तक राज्य के सरकारी विभागों को 8450 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया है। राज्य में भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन से अब तक 367 लोगों की जान जा चुकी है। 343 घायल हुए हैं, जबकि 40 लोग अभी भी लापता हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार के लिए हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश की येलो अलर्ट जारी की है। मौसम कार्यालय ने कहा है कि राज्य भर के कुछ जिलों के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होने की संभावना है। आईएमडी के वैज्ञानिक संदीप कुमार शर्मा ने एएनआई को बताया, सोलन, शिमला, सिरमौर, मंडी, कुल्लू, ऊना, बिलासपुर और कांगड़ा जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। हमने 24 और 25 अगस्त के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने के बाद 50 से अधिक फंसे हुए लोगों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने बचा लिया। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। शेहनु गोउनी गांव में बृहस्पतिवार को बादल फटने की घटना हुई थी जिससे कई जगहों पर भूस्खलन से सड़कें अवरुद्ध हो गईं। अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ का एक दल 15 किलोमीटर पैदल चलकर फंसे हुए लोगों को बचाने पहुंचा और 15 बच्चों समेत सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। बारिश से संबंधित एक अन्य घटना में, बलाद नदी में पानी के तेज प्रवाह के कारण औद्योगिक बद्दी क्षेत्र और पिंजौर को जोड़ने वाला बद्दी स्थित मारनवाला पुल शुक्रवार को गिर पड़ा।