लखनऊ। केन्द्र एवं राज्य सरकार शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित कर रही है। अब इसी तर्ज पर गांवों को भी विकसित किया जायेगा। इसके लिए ग्राम प्रधानों, पंचायत सचिवों एवं सफाई कर्मियों को प्रशिक्षित किया जायेगा। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन दो क ूड़े एवं गंदे पानी के उचित निस्तारण पर जोर दिया जा रहा है। इन सभी कार्यो की जिम्मेदारी पंचायत राज विभाग को सौंपी गयी है।
पंचायती राज विभाग शहरों की तरह गांवों को भी स्वच्छ और सुंदर बनाने जा रही है। इसके लिए ग्राम प्रधानों, पंचायत सहायकों और सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। इसके लिए प्रदेश में 21 प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएंगे। इनमें अलग-अलग सत्रों में 25 हजार ग्राम प्रधानों सहित कुल 83 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी के सभी गांवों में ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन को लेकर उचित कदम ओडीएफ प्लस में उठाये जा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण के द्वितीय चरण में मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रदेश के 25 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। प्रशिक्षण देने वाले मास्टर ट्रेनर्स के रूप में प्रशिक्षण का कार्य भी लगभग पूरा हो गया है। इस तरह स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के दूसरे चरण में इस वित्तीय वर्ष के लिए 25,145 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। इसके तहत 43,242 राजस्व गांवों को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन गांवों में प्रथम चरण में प्राप्त उपलब्धियों को आगे भी बनाये रखने के साथ ठोस और तरल कचरे के प्रबन्धन के लिए कई तरह से अभियान चलाए जाएंगे। इसे लेकर ग्राम प्रधान, खंड प्रेरक और पंचायत सहायक आदि लगभग 83 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके अलावा 20 जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर पर छह मास्टर ट्रेनर भी तैनात किये जायेंगे। इस तरह मार्च तक 25145 ग्राम पंचायतों को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने का कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।