लखनऊ सीतापुर रोड पर एलडीको के सामने एलडीए की दूसरे दिन भी कार्रवाई की जा रही है। झुग्गी झोपड़ी और कई मकानों को तोड़ने के लिए दूसरे दिन भी बुल्डोजर चलाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि कार्रवाई के लिए विभाग द्वारा किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई। किसी तरह का नोटिस दिए बिना बुलडोजर चलना शुरू हो गया। दूसरे दिन भी एलडीए के अधिकारियों से पूछताछ करने पर वह कुछ बोलने को तैयार नही हैं। एलडीए अधिकारी शशि भूषण पाठक ने बताया कि मड़ियांव आसपास थानों की पुलिस की मदद से ये दूसरे दिन भी अभियान चलाया जा रहा है। अधिकतम 40 -50 से ज्यादा छोटे-बड़े निर्माण हुए थे। इसकी गिनती नहीं कराई गई थी लेकिन इसमें लोगों ने दुकान से लेकर गैराज तक बना लिया है। वहां पर रह रहे लोगों ने बताया कि दूसरे दिन भी एलडीए बुल्डोजर 10 बजे से ढहाना शुरू कर दिया था। वहां की जमीन पर मकान बना कर रह रही महिलाएं में न टूटने को लेकर चीख पुकार कर रही थी।वहां के रह रहे लोगों ने बताया कि हम यहां 40 सालों से रह रहे है। लेकिन सुनवाई से एक महीने पहले भी शुरू हुई थी तोड़फोड़ वहां पर रहने वाले युसुफ ने बताया कि हम लोगों को कोई सूचना नहीं दी गई है। हम लोगों का मुकदमा न्यायालय में चल रहा है। लगभग एक महीने पहले भी तोड़फोड़ शुरू की गई थी, तब एलडीए द्वारा कार्य को रोक दिया गया था। दूसरे दिन भी मौके पर कई थानों की पुलिस मौजूद रही। लखनऊ सीतापुर रोड पर हो रही तोड़फोड़ की कार्रवाई को लगातार आज दूसरे दिन भी किया गया है और लगातार कल भी तोड़फोड़ की कार्यवाई की गई आक्रोशित पीड़ित परिवारों ने भारतीय किसान यूनियन अवध संगठन राजू गुप्ता के जिला प्रभारी रमेश राजपूत के घर को घेर लिया और एसडीएम से मांग करने लगे कि वो रमेश राजपूत का भी मकान तुड़वाने का आदेश दें इस बात को देखते हुए रमेश राजपूत अपने मकान के सभी साक्ष्य एसडीएम के सामने प्रस्तुत किया एसडीएम ने सभी साक्ष्य को देखते हुए मकान को नाप छोड़ दिया आक्रोशित भीड़ ने एसडीएम का भी घेराव किया भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को बड़ा मस्कत करना पड़ा खबर लिखे जाने तक यथा स्थिति सामान रही किसी प्रकार की कोई भी अप्रिय घटना घटित नहीं हुई