नई दिल्ली। मोदी ने कहा कि आप जिस भी पद पर रहें, जिस भी क्षेत्र में काम करें, आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता, देशवासियों की जीवन जीने में आसानी ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के मुख्य वास्तुकार, बाबासाहेब अम्बेडकर ने एक ऐसे राष्ट्र का सपना देखा था जो सभी को सामाजिक न्याय और अवसर की समानता प्रदान करे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार मेले के तहत सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त भर्तियों को 51,000 से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में लाखों युवाओं को भारत सरकार द्वारा नौकरी देने का अभियान लगातार जारी है। आज 50 हजार से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये नियुक्ति पत्र आपके परिश्रम और प्रतिभा का नतीजा है। मैं आपको और आपके परिवार को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कर्मचारी के तौर पर आप सभी को बड़े दायित्वों को निभाना है।
मोदी ने कहा कि आप जिस भी पद पर रहें, जिस भी क्षेत्र में काम करें, आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता, देशवासियों की जीवन जीने में आसानी ही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के मुख्य वास्तुकार, बाबासाहेब अम्बेडकर ने एक ऐसे राष्ट्र का सपना देखा था जो सभी को सामाजिक न्याय और अवसर की समानता प्रदान करे। दुर्भाग्य से, स्वतंत्रता के बाद लंबे समय तक समानता के सिद्धांत की अनदेखी की गई। 2014 से पहले समाज का एक विशेष वर्ग कुछ मूलभूत सुविधाओं से वंचित था। उन्होंने कहा कि 2014 में जब हमें देश ने सेवा करने का मौका दिया, सरकार चलाने की जिम्मेदारी दी, तो सबसे पहले हमने ‘वंचितों को वरीयता’ मंत्र को लेकर आगे बढ़ना आरंभ किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार खुद चलकर उन लोगों तक पहुंची, जिन्हें कभी योजनाओं का लाभ नहीं मिला। जिन्हें दशकों तक सरकार की तरफ से कोई सुविधा नहीं मिली थी, हम उनका जीवन बदलने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक अध्ययन के मुताबिक, 5 वर्षों में देश के 13 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आए हैं। इससे पता चलता है कि सरकार की योजनाओं का गरीब तक पहुंचना कितना बड़ा परिवर्तन लाता है। आज सुबह ही आपने देखा होगा कि ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ किस तरह गांव गांव में जा रही है। आपकी तरह ही सरकार के कर्मचारी, सरकार की योजनाओं को गरीब के दरवाजे पर ले जा रहे हैं।