लखनऊ। सहकारिता अब किसानों को समृद्ध करने के साथ ही उनकी तिजोरी भरने का काम कर रहा है। विभाग द्वारा जिला स्तर पर डेयरी, मत्स्य पालन के साथ ही जन औषघि केन्द्र, अनाज गोदाम भी खोलने जा रहा है। इसके अलवा प्रदेश में 7367 पीएम किसान समृद्धि केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। इसमें किसानों की कृषि से जुड़ी समास्याओं के निदान के साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलाया जा रहा है। पूर्ववर्ती सरकारों में सहकारिता की हालत खस्ता हो गयी थी। समूचा विभाग आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। यहां तक रिजर्व बैंक ने 16 जिला सहकारी बैकोंं का लाइसेंस निलम्बित कर दिया था। कर्मचारियों को समय से वेतन आदि नहीं मिल रहा था। लेकिन प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद सहकारिता विभाग को एक नयी पहचान मिली। घाटे में चलने वाला यह विभाग आज करीब सौ करोड़ रुपए के लाभ में है। सभी जिला सहकारी बैंके बेहतर ढंग से कार्य कर रही है। इनका कम्प्यूट्रीकरण के साथ ही कर्मचारियों को समय से वेतन आदि मिल रहा है। विभाग द्वारा गत माह बी पैक्स सदस्यता अभियान चलाया गया जिसमें लक्ष्य से अधिक 29 लाख से ज्यादा नये सदस्य बनाए गऐ। इससे विभाग को 70 करोड से अधिक का अंशदान प्राप्त हुआ। वहीं घाटे में चलने वाले जिला सहकारी बैंक आज किसानों का सस्ते ब्याज दर पर कर्ज दे रहे हैं। जिससे किसान मालामाल हो रहे है।
किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए सहकारिता विभाग द्वारा खेती किसानी के अलावा कई रोजगार भी उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मसलन ग्राम पंचायत स्तर पर डेयरी पालन, मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा हर जनपद में अनाज को सुरक्षित रखने के लिए एक एक गोदाम भी बनाये जा रहे हैं। मिजार्पुर में गोदाम निमार्णाधीन है। साथ ही प्रदेश के 64 जनपदों में इन गोदामों के निर्माण के लिए जमीन खोजी जा रही है। विभाग द्वारा घरों में पेयजल की आपूर्ति करायी जा रही है। जनपद स्तर पर पांच पांच जन औषधि केन्द्र भी खोले जा रहे हैं। इसके अलावा पीएम किसान समृद्धि केन्द्र किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे है। इन केन्द्रों से किसानों को खेती किसानी से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त होने के साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में मददगार साबित हो रहे हैं। साथ ही उनके जरूरी कागजात भी इन्हीं केन्द्रोंं से बन रहे हैें। प्रदेश में 7367 पीएम किसान समृद्धि केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश में 38173 एम पैक्स केन्द्र भी चल रहे हैं। इस तरह सहकारिता विभाग के अनेकों आयाम किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।